कोंडागांव जिला अस्पताल में 6 साल की बच्ची की मौत, परिजनों ने लापरवाही का लगाया आरोप

कोंडागांव जिले के जिला अस्पताल में एक 6 साल की बच्ची की मौत ने पूरे इलाके में सनसनी मचा दी है। बोटीकनेरा गांव की निवासी गंगा नेताम सिकलिन रोग से पीड़ित थी। बच्ची के माता-पिता, देवकी नेताम और सनत नेताम, उसे सोमवार को नियमित जांच के लिए अस्पताल लेकर आए थे।

बच्ची की हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे एनेस्थीसिया देने का निर्णय लिया, लेकिन इसके बाद बच्ची होश में नहीं आई और उसकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में लापरवाही और चिकित्सकीय प्रक्रियाओं में अनदेखी की वजह से यह घटना हुई। उन्होंने बताया कि अस्पताल कर्मचारियों और डॉक्टरों द्वारा उचित ध्यान नहीं दिया गया।

इस घटना ने स्थानीय लोगों में रोष और चिंता पैदा कर दी है। लोग यह पूछ रहे हैं कि बच्चों की जीवन सुरक्षा के प्रति अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों की जिम्मेदारी कितनी प्रभावी है। सिकलिन जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों के इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही गंभीर परिणाम ला सकती है।

स्थानीय प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने कहा कि अस्पताल में बच्चों के इलाज के दौरान सभी प्रोटोकॉल और सुरक्षा मानकों का पालन करना अनिवार्य है। यदि लापरवाही पाई जाती है, तो जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

स्वास्थ्य विभाग ने आश्वासन दिया है कि इस घटना की पूरी पारदर्शिता से जांच की जाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। पीड़ित परिवार को मनोवैज्ञानिक और कानूनी सहायता देने की भी योजना बनाई गई है।

घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं में बच्चों की सुरक्षा और अस्पताल में निगरानी की आवश्यकता को उजागर किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अस्पताल में आपात स्थिति और गंभीर मरीजों के लिए प्रशिक्षित स्टाफ, सही उपकरण और समय पर उपचार जीवन रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

समाज और प्रशासन दोनों को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो और अस्पताल में इलाज के दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो। जागरूकता, सतर्कता और जिम्मेदार स्वास्थ्य सेवाएं ही ऐसे दुर्भाग्यपूर्ण हादसों को रोक सकती हैं।

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