छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (MCB) और कोरबा जिले में क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर करोड़ों की ठगी हो गई. आरोप है कि, QLOF कंपनी ने करोड़ों रुपए लोगों से जमा कराया. कुछ महीने पहले विड्रॉल पर रोक लगाई और फिर कंपनी दफ्तर में ताला लगाकर भाग निकले.
इसके बाद लोगों ने चिरमिरी थाने में शिकायत दी है, लेकिन मामला अभी दर्ज नहीं हुआ है. वहीं पूर्व विधायक डॉ. विनय जायसवाल रविवार को समर्थकों के साथ थाने पहुंच गए. उन्होंने ज्ञापन देते हुए कंपनी पर कार्रवाई की मांग की.
पूर्व विधायक ने आरोप लगाया है कि, कंपनी ने लोगों से करीब 600 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है. उन्होंने चेतावनी दी है कि, 10 दिनों में कंपनी पर अगर कार्रवाई नहीं हुई तो वे थाने का घेराव करेंगे.
ट्रेडिंग के लिए ऐप, नेटवर्क मार्केटिंग की तरह निवेश
लोगों ने अपनी शिकायत में बताया है कि, QLOF दिसंबर 2023 में क्षेत्र में एक्टिव हुई. क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग के लिए एप डाउनलोड कराए गए. शुरू में 3000 रुपए निवेश राशि रखी गई. चेन सिस्टम में कमीशन का लालच देकर लोगों को जोड़ा गया.
अप्रैल में कंपनी से जुड़ने की राशि 6000 कर दी गई। जमा राशि पर ब्याज और 1300 रुपए अतिरिक्त देने का झांसा देकर निवेश कराया गया. जून 2024 में कंपनी ने सिस्टम हैक होने की जानकारी दी और सिस्टम अपग्रेड होने तक रुपए निकालने पर रोक लगा दी.
केवाईसी कराने के नाम पर अलग से 6000 रुपए सभी से जमा कराए गए। इसके बाद 1 जुलाई से कंपनी पूरी तरह से बंद हो गई. पूर्व विधायक डॉ जायसवाल का दावा है कि, कंपनी ने करीब सात से आठ माह में MCB, कोरिया और कोरबा जिले के 10 लाख लोगों से करोड़ों रुपए जमा कराया. इसमें युवा, गृहणी, बेरोजगार और मध्यम वर्ग के लोग शामिल हैं.
बेरोजगारों को कमीशन का लालच देकर बनाया एजेंट
डॉ. विनय जायसवाल ने कहा कि, कंपनी ने कई बेरोजगार युवक-युवतियों को भी कमीशन का लालच देकर एजेंट बनाया था. इतनी बड़ी ठगी पर भी जिला प्रशासन और पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है.
प्ले स्टोर से गायब हुआ कंपनी का ऐप
पुलिस के अनुसार, QLOF कंपनी के निवेशकों ने कंपनी के खिलाफ थाने में आवेदन दिया है. ऐसे हजारों निवेशक कोरबा जिले में भी हैं. ट्रेडिंग ऐप के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी का एंड्रॉयड वर्जन ऐप एपीके से डाउनलोड कराया गया. गूगल प्ले स्टोर में भी यह ऐप नहीं है.
1. क्रिप्टो करेंसी क्या है ?
यह एक डिजिटल करेंसी है. न हम इसे छू सकते हैं, न ये दिखाई देती है। इसका पूरा कारोबार ऑनलाइन होता है. क्रिप्टो करेंसी का लेनदेन पूरी दुनिया में हो रहा है, हालांकि इसमें शामिल होने वाले अभी सीमित हैं। इसे जानने के लिए क्रिप्टो माइनिंग को समझना होगा.
2. क्या है क्रिप्टो माइनिंग ?
बड़े कंप्यूटर, एसिक मशीन, ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU) से कनेक्ट होते हैं और खास फॉर्मूले यानी एल्गोरिथम, प्रॉब्लम और सरल भाषा में कहें तो पहेली को हल करते हैं और काॅइन जनरेट करते हैं. इसे ही माइनिंग कहते हैं। क्रिप्टो करेंसी इसी से बनती है.
3. कहां है इसका बाजार ?
क्रिप्टो करेंसी से आज दुनियाभर में लेन-देन हो रहा है। इसे दो तरह से खरीद सकते हैं, जिसमें महत्वपूर्ण है क्रिप्टो एक्सचेंज. दुनियाभर इसके एक्सचेंज हैं. भारत में वजीरएक्स, जेबपे, क्वाइनस्विच कुबेर प्रमुख एक्सचेंज है, ये 24 घंटे चलते हैं.
इकानॉमी की क्रांतिकारी तकनीक: एक्सपर्ट
रायपुर BIT कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पद्मावती श्रीवास्तव के मुताबिक ब्लॉकचेन एक डिजिटल बहीखाता है. इसके ट्रांजैक्शन चेन में जुड़े हर कंप्यूटर पर दिखाई देते हैं. यह क्रिप्टोकरेंसीज की बैकबोन है. ब्लॉकचेन को भविष्य की अर्थव्यवस्था के लिए क्रांतिकारी तकनीक माना जा रहा है.
इसमें इंटरनेट, पर्सनल ‘की’ की क्रिप्टोग्राफी अर्थात् जानकारी को गुप्त रखना और प्रोटोकॉल पर नियंत्रण रखना शामिल है. क्रिप्टो-करेंसियों के अलावा ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग सूचना प्रौद्योगिकी, डाटा प्रबंधन और सरकारी योजनाओं का लेखा-जोखा, बैंकिंग और बीमा क्षेत्र में होता है.