राजस्थान के कोटा में 70 साल के बजुर्ग को पेट दर्द की शिकायत थी. वो इलाज के लिए अस्पताल पहुंचा. वहां पता चला कि बुजुर्ग के गॉलब्लैडर में पथरी है, वो भी भारी मात्रा में. डॉक्टरों ने तुरंत बुजुर्ग का ऑपरेशन किया. लेकिन जब उन्होंने पथरी को निकालना शुरू किया तो खुद डॉक्टरों के भी होश उड़ गए. आधे घंटे तक मरीज का ऑपरेशन चला. डॉक्टरों ने 6110 स्टोन बुजुर्ग के पेट से निकाले.
ऑपरेशन के बाद अब बुजुर्ग बिल्कुल फिट है. सर्जरी करने वाले लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. दिनेश जिंदल ने बताया कि बुजुर्ग के पेट में इतनी संख्या में पथरी आखिर आई कैसे? जानकारी के मुताबिक, बूंदी जिले के 70 वर्षीय किसान को कुछ दिनों से पेट दर्द की शिकायत थी. पेट में भारीपन की शिकायत लेकर वो डॉक्टर के पास पहुंचे. जब बुजुर्ग की सोनोग्राफी करवाई गई तो सामने आया कि गॉलब्लैडर पूरी तरह से पथरी से भरा हुआ था. गॉलब्लैडर की साइज सामान्य तौर पर 7 गुणा 2 सेंटीमीटर की होती है, जो बढ़कर दोगुनी (12 गुना 4 सेंटीमीटर) हो गई थी.
पथरी को गिनने में लगे ढाई घंटे
70 वर्षीय बुजुर्ग का ऑपरेशन 5 सितंबर यानी शुक्रवार को किया गया था. फिर एक दिन बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया. सफल ऑपरेशन के बाद अब बुजुर्ग पूरी तरह से फिट है. पेट से पथरी को बाहर निकालने के बाद स्टाफ को उन्हें गिनने में ढाई घंटे से ज्यादा का समय लग गया. गॉलब्लैडर में इतनी स्टोन हो जाना अनुवांशिक कारण भी हो सकते हैं. डॉक्टर जिंदल का मानना है कि खानपान, फास्ट फूड, फैटी फूड या ज्यादा तेजी से वजन गिरना भी इसके कारण हैं.
हो सकती थी बड़ी परेशानी
लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. दिनेश जिंदल ने कहा- मरीज के पित्ताशय की थैली से पथरी नहीं निकाली जाती तो मरीज को आगे चलकर बड़ी परेशानी हो सकती थी. उससे पेनक्रियाज में सूजन, पीलिया और कैंसर भी का अंदेशा था. डॉ. जिंदल का कहना है कि गॉलब्लैडर को एंडोबैग में रखकर यह स्टोंस निकल गए हैं.