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6G से बदलेंगे स्वास्थ्य और शिक्षा: वाराणसी में वैश्विक विशेषज्ञों की ऐतिहासिक चर्चा

वाराणसी :  भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान काशी हिंदू विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग विभाग में 19 में EAI BODYNETS 2024 सम्मेलन का आयोजन हुआ दो दिवसीय इस सम्मेलन में विश्व वर्ष से आए शोधकर्ता, शिक्षाविद उद्योग विशेषज्ञ और प्रैक्टिशनर ने वायरलेस 6G नेटवर्क के क्षेत्र में प्रगति पर चर्चा की.

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कार्यक्रम के दूसरे दिन मुख्य वक्ता के रूप में ओलु विश्वविद्यालय फिनलैंड के आए प्रोफेसर तेमु मायली ने 6G के उपयोग से स्वास्थ्य सेवाओं की संभावनाओं पर प्रकाश डाला इस कार्यक्रम में पधारे भारत 6G के डायरेक्टर राजेश कुमार पाठक ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि भारत अभी तक 4G टेक्नोलॉजी दूसरे देशों के ऊपर निर्भर करके चल रहा था.

लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के कारण बीएसएनएल ने न सिर्फ 4G में अपने देश की खुद की टेक्नोलॉजी का उपयोग किया बल्कि 5G में भी यह देश आत्मनिर्भर हो चला है.ऐसे में अब हम 6G की तरफ आगे बढ़ रहे हैं उन्होंने कहा कि 2030 तक भारत में सिक्स जी आने की संभावना है इसको लेकर अभी से हम लोग कार्य में जुट गए हैं.

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में 6G के उपयोग से हम स्वास्थ्य,कृषि के साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में कैसे इसका उपयोग कर सकते हैं इस पर मंथन चल रहा है.वहीं भारत 6G एलायंस की असिस्टेंट टेक्निकल डायरेक्टर डॉ 0आस्था शर्मा ने कहा कि आज से 10 वर्ष पूर्व जहां हम संचार टेक्नोलॉजी के सारे इक्विपमेंट विदेश से लाते थे लेकिन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए भारत विजन के अंतर्गत मेक इन इंडिया के तहत अब यह उपकरण अपने देश में ही बनाए जा रहे हैं.

और पहले इनका इंपोर्ट होता था अब हम इसका एक्सपोर्ट शुरू हो गया इसके कारण अपने देश में जहां रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं वही फॉरेन इन्वेस्टमेंट भी आ रहा है.

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