जबलपुर: शहर के प्रतिष्ठित रियल एस्टेट ग्रुप केपी बिल्डर एंड प्रमोटर में साझेदारों के बीच का लेन-देन अब ठगी का मामला बन चुका है. गढ़ा निवासी विनय दुबे ने अपने ही दो अन्य साझेदारों को करोड़ों की चपत लगा दी. ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) में दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक, विनय ने कंपनी के खातों में फर्जीवाड़ा कर 7.56 करोड़ से अधिक की गड़बड़ी की है. इस मामले में अब जांच तेज़ कर दी गई है.
कंपनी का गठन 4 साझेदारों में एक अलग हुआ
साल 2014 में केपी बिल्डर एंड प्रमोटर का रजिस्ट्रेशन रजिस्ट्रार फर्म्स एंड सोसायटी में किया गया था. शुरुआत में इसमें चार साझेदार गिरीश पांडे विजय नगर, मंगल पटैल संजीवनी नगर, विनय दुबे गढ़ा और नरेंद्र अग्रवाल थे. बाद में नरेंद्र अग्रवाल ने कंपनी से नाम वापस ले लिया. शेष तीन साझेदार मिलकर कछपुरा क्षेत्र में एक कॉलोनी का विकास कर रहे थे.
नौकर के खाते में ट्रांसफर किए लाखों, निर्माण सामग्री के नाम पर भी हेराफेरी
शिकायतकर्ता गिरीश पांडे और मंगल पटैल ने आरोप लगाया है कि विनय दुबे ने कॉलोनी विकास के नाम पर करोड़ों की राशि अपनी निजी पहुंच वाले लोगों के खातों में ट्रांसफर की. अपने नौकर आकाश साहू के खाते में 36.85 लाख, जानकार धर्मप्रकाश राजपूत के खाते में 62.74 लाख, धर्मप्रकाश के भाई अमित राजपूत के खाते में 39.56 लाख, इस प्रकार कुल 1.39 करोड़ की राशि बिना पारदर्शिता के ट्रांसफर की गई.
बैलेंस शीट में तीन गुना अधिक दिखाए आंकड़े
विनय दुबे ने कंपनी की बैलेंस शीट में भी गड़बड़ी की. जांच में सामने आया कि कॉलोनी विकास के लिए नगर निगम में 3.05 करोड़ जमा किए गए, लेकिन बैलेंस शीट में 9.22 करोड़ दर्शाए गए. इस प्रकार 6.17 करोड़ की फर्जी प्रविष्टियों के माध्यम से आर्थिक हेराफेरी की गई.
मामला दर्ज, जांच में और नाम हो सकते हैं उजागर
शिकायत की गंभीरता को देखते हुए आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वास भंग, कूटरचना एवं फर्जी दस्तावेज़ों के प्रयोग के तहत मामला दर्ज कर लिया है. ईओडब्ल्यू सूत्रों के अनुसार, विनय दुबे ने अपने निकट के लोगों के खातों का दुरुपयोग कर केपी बिल्डर की संपत्ति को निजी लाभ के लिए प्रयोग किया.
रियल एस्टेट क्षेत्र में हड़कंप
इस खुलासे के बाद जबलपुर के रियल एस्टेट सेक्टर में हड़कंप मच गया है. आमतौर पर उपभोक्ताओं से ठगी की शिकायतें सामने आती हैं, लेकिन यह मामला साझेदारों के बीच के विश्वासघात का बड़ा उदाहरण बन गया है.
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