ओलंपिक में गोल्ड पर 7 करोड़, 10वीं में अच्छे नंबर लाने वालों को i7 लैपटॉप: दिल्ली सरकार के बड़े फैसले

दिल्ली सरकार ने शिक्षा और खेल को प्राथमिकता देते हुए कैबिनेट बैठक में कई अहम निर्णय लिए हैं। 10वीं कक्षा में अच्छे अंक लाने वाले 1200 छात्रों को i7 लैपटॉप देने की घोषणा की गई है, जिस पर सरकार 8 करोड़ रुपये खर्च करेगी। साथ ही डिजिटल एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए 100 नई ICT लैब्स भी स्थापित की जाएंगी, जिनमें हर एक में 40 कंप्यूटर होंगे। इससे पहले बनाई गई 907 लैब्स फंक्शनल नहीं थीं, लेकिन अब 175 और लैब्स तैयार की जाएंगी।

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मुख्यमंत्री खेल प्रोत्साहन योजना के तहत ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को 7 करोड़ रुपये, सिल्वर मेडल पर 5 करोड़ और ब्रॉन्ज पर 3 करोड़ रुपये इनाम में दिए जाएंगे। इसी तरह एशियन गेम्स में गोल्ड और सिल्वर मेडल लाने वालों को ग्रुप A, ब्रॉन्ज विजेताओं को ग्रुप B की सरकारी नौकरी देने की योजना है। कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए भी गोल्ड पर ग्रुप A, सिल्वर पर ग्रुप B और ब्रॉन्ज पर ग्रुप C की नौकरी देने की घोषणा की गई है।

स्कूली छात्रों को खेलों के लिए प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से नेशनल लेवल पर खेलने वाले बच्चों को 5 लाख रुपये और इंटरनेशनल स्तर पर मेडल लाने वालों को 11 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। एलीट स्पोर्ट्स खिलाड़ियों को भी 5 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।

तीसरे प्रमुख फैसले के तहत राजधानी के सरकारी स्कूलों में ICT लैब्स स्थापित करने की योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है। दिल्ली के 1174 सरकारी स्कूलों में एक भी फंक्शनल कंप्यूटर लैब नहीं है, लेकिन अब CSR मॉडल के तहत 100 लैब्स तैयार हो चुकी हैं और 175 और बनाई जाएंगी।

दिल्ली के सभी सर्वोदय विद्यालयों में ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जहां अभिभावकों को स्कूल की कार्यप्रणाली और सुविधाओं की जानकारी दी जाएगी। सभी विधायक अपने क्षेत्र के स्कूलों का दौरा करेंगे।

जलभराव के मुद्दे पर विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए मंत्री आशीष सूद ने कहा कि मुख्यमंत्री खुद सड़कों पर उतरकर स्थिति का जायजा लेती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकार के मंत्री भ्रष्टाचार के मामलों में जेल गए थे, जबकि वर्तमान सरकार जलभराव को रोकने के लिए पूरी मेहनत कर रही है।

स्मार्ट क्लासरूम योजना को लेकर भी बड़ा फैसला लिया गया है। कक्षा 9 से 12 तक के 18,996 कमरों को स्मार्ट क्लास में बदला जाएगा। इसके लिए 900 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी गई है। 2029-30 तक दिल्ली में कुल 21,412 स्मार्ट क्लासरूम बनाए जाएंगे। यह पूरा प्रोजेक्ट राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत चलाया जा रहा है।

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