मऊगंज की सहकारी समितियों में 7 करोड़ का घोटाला: दो साल से अपनी जमा पूंजी के लिए भटक रहे ग्रामीण

मऊगंज : की सहकारी समितियों में 7 करोड़ का घोटाला: दो साल से अपनी जमा पूंजी के लिए भटक रहे ग्रामीण, प्रशासनिक उदासीनता पर उठे सवाल

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मऊगंज जिले में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित रीवा की शाखा पहाड़ी अंतर्गत पांच सहकारी समितियों में करीब 7 करोड़ रुपए के गबन का मामला उजागर हुआ है. खाद्य निरीक्षक अनिल गुप्ता के अनुसार, सेवा सहकारी समिति हर्दी में 4.5 करोड़, गौरी में 1.5 करोड़, देवरा पटेहरा में 45 लाख, टटिहरा में 35 लाख और हटवा में 16 लाख रुपए की भारी-भरकम देनदारी दर्ज है.

 

इन समितियों में पैसा जमा करने वाले सैकड़ों हितग्राही दो वर्षों से अपनी जमा पूंजी वापस पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं.कई लोगों की एफडी पूरी हो चुकी है, लेकिन उन्हें आज तक एक पैसा नहीं मिला.पीड़ितों ने मऊगंज कलेक्टर संजय कुमार जैन से मिलकर अपनी समस्या बताई थी, मगर अब तक न तो कोई ठोस कार्रवाई हुई और न ही किसी को राहत मिली.

 

 

जांच में सामने आया है कि संबंधित बैंक खातों में जमा राशि अब मौजूद ही नहीं है। इसके बावजूद प्रशासनिक तंत्र निष्क्रिय बना हुआ है.इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद भी कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया, जिससे पीड़ितों में सरकारी व्यवस्था के प्रति अविश्वास बढ़ता जा रहा है.

 

पीड़ितों में कई वरिष्ठ नागरिक और महिलाएं शामिल हैं. संकर्षण प्रसाद गौतम, रुक्मनिया कुशवाहा, रामाश्रम कुशवाहा, गुलाब प्रसाद, नीता कुशवाहा, रामपति प्रजापति, रहसकली गुप्ता, कपूर चंद्रगुप्त, बैजनाथ सोंधिया, राजेश गुप्ता, पायल गुप्ता, मिठाई लाल गुप्ता, मंजू साकेत, राम सिया गुप्ता, और सोनिया प्रजापति जैसे कई नाम सामने आए हैं जिनकी एफडी या नकद जमा राशि वर्षों पहले पूरी हो चुकी है.

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