यह दर्दनाक कहानी झारखंड के खूंटी जिले की है. जो सोचने पर मजबूर कर देगी. यहां सात साल का बच्चा सड़कों पर घूमता मिला. इस बच्चे को उसके माता-पिता ने लावारिस छोड़ दिया था. वह कूलापोड़े गांव के अरकी ब्लॉक का रहने वाला है. बच्चा सड़कों पर भटकने लगा. जब प्रशासन तक खबर पहुंची तो पुलिस उसे अपने साथ ले गई. फिलहाल उसे एक सरकारी मान्यता प्राप्त बाल गृह में रखा गया है.
एजेंसी के अनुसार, खूंटी जिला बाल संरक्षण अधिकारी (डीसीपीओ) अल्ताफ खान ने बताया कि अर्की ब्लॉक के कुलापोटेड गांव के रहने वाले इस बच्चे को उसके माता-पिता ने छोड़ दिया था. प्रारंभिक जानकारी से पता चला कि गरीबी के चलते बच्चे की मां ने उसे और उसके पिता को छोड़ दिया. इसके कुछ हफ्तों बाद पिता भी अन्य राज्य में काम करने के लिए उसे अकेला छोड़कर चला गया. तब से यह नन्हा बच्चा गांव में भटकता रहा, दूसरों पर निर्भर होकर खाना खाता और अपनी भूख मिटाता था.
गांव के लोगों ने देखा और कुछ मदद करने की कोशिश की. बोहोंडा पंचायत के मुखिया ने बच्चे पर तरस खाया और उसे कुछ दिनों से अपने घर रख लिया. लेकिन कुछ कारणों से बच्चा वहां से चला गया, ट्रेन पकड़कर खूंटी शहर पहुंच गया.
खूंटी में बच्चा सड़कों पर भटकते हुए लोगों की नजरों में आया. ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस को इसकी जानकारी दी. पुलिस ने बच्चे को सुरक्षित किया, कुछ दिनों के लिए थाने में रखा और फिर DCPO को सूचना दी.
अब तक की जांच में सामने आया है कि बच्चे की मां ने गरीबी के कारण उसे और उसके पिता को छोड़ दिया था. इसके बाद कुछ हफ्ते पहले इस बच्चे को उसका पिता भी छोड़कर दूसरे राज्य में काम करने चला गया. पिता के चले जाने के बाद बच्चा गांव में घूमता रहता था. लोग खाना दे देते थे तो खा लेता था.
बच्चा दूसरों पर निर्भर रहा. बोहोंडा पंचायत के मुखिया को जब इस बारे में पता चला तो उन्हें उस पर दया आ गई और बच्चे को कुछ दिनों तक अपने पास रखा. लेकिन किसी वजह से बच्चा घर छोड़कर ट्रेन पकड़कर खूंटी शहर पहुंच गया.
लोगों ने बच्चे को सड़कों पर घूमते देखा तो जानकारी पुलिस को दी. पुलिस मौके पर पहुंची और बच्चे को लेकर अपने साथ गई. कुछ दिनों तक उसे थाने में रखा गया. इसके बाद सूचना बाल संरक्षण अधिकारी को दी गई. इसके बाद व्यवस्था करके बच्चे को एक बाल गृह में रखा गया. बाल संरक्षण अधिकारी ने कहा कि हम इस मामले की जांच कर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं. यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि उसकी स्थिति कैसे बनी और भविष्य में उसकी देखभाल के लिए क्या कदम उठाए जाएं.