राजस्थान में तलाक के फर्जी कागज लगाकर 70 महिलाओं ने सरकारी नौकरी हासिल की है। एसओजी ने इनके खिलाफ एक्शन करना शुरू कर दिया है। राजस्थान एसओजी के डीआईजी परिस देशमुख ने बताया- फर्जी तलाक सर्टिफिकेट भी बनाने का मामला सामने आया है। करीब 70 शिकायत एसओजी टीम को मिली है। जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा। उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, दूसरी तरफ फर्जी डॉक्यूमेंट से सरकारी नौकरी लेने वाले कुल 121 लोगों के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की है। एक में 72 और दूसरी में 49 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। इन सभी पर कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग को पत्र भी लिखा गया है।
सभी विभागों को वेरिफिकेशन का निर्देश दिया था
दरअसल, राज्य सरकार ने पिछले साल सभी विभागों को निर्देश दिया था कि वे साल 2019 से 2024 के बीच नियुक्त हुए कर्मचारियों की शैक्षणिक योग्यता, आवेदन पत्र, फोटो और हस्ताक्षरों का मिलान करते हुए वेरिफिकेशन करें। इसके बाद बीकानेर स्थित प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने संभाग स्तर पर 4 सदस्यीय जांच समितियां गठित की।
इन समितियों ने बीकानेर, चूरू, जयपुर, अजमेर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा, भरतपुर और पाली संभाग से प्राप्त जांच रिपोर्टों के आधार पर 121 शिक्षकों की भर्ती में गंभीर अनियमितताएं पाईं। इन के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई हैं।
मुख्य सचिव को भर्तियों में हुई गड़बड़ियों की विभागीय स्तर पर जांच कराने का आग्रह किया
राजस्थान एसओजी के डीआईजी परिस देशमुख ने बताया- एसओजी की हेल्पलाइन पर लगातार गड़बड़ी की सूचनाएं मिल रही है। इन्हीं सूचनाओं के आधार पर मुख्य सचिव को भर्तियों में हुई गड़बड़ियों की विभागीय स्तर पर जांच कराने का आग्रह किया गया था। इसके बाद सभी विभागों ने अपने स्तर पर भी जांच शुरू की।
रीट में करीब 123 शिक्षकों के बारे में सूचना मिली
परिस देशमुख ने बताया- इस दौरान प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने भी रीट 2018 और 2022 को लेकर अपने स्तर पर जांच की। जांच के बाद राजस्थान एसओजी को करीब 123 शिक्षकों के बारे में सूचना दी गई है। संदिग्ध तरीके से नौकरी हासिल करने को लेकर एसओजी ने दो अलग-अलग प्रकरण दर्ज किए हैं। एसओजी की ओर से इन प्रकरणों की जांच की जा रही है।