खंडवा: एमपी के खंडवा जिले में वन क्षेत्र पर अतिक्रमण जारी है. आसपास के लोग जंगलों की कटाई कर उस पर खेती कर रहे हैं. वन भूमि पर से कब्जा हटाने के लिए प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. 400 जवानों की टीम के साथ वन विभाग के अधिकारी और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी अतिमक्रम हटाने पहुंचे. वन माफिया ने पेड़ों की कटाई कर जंगल की जमीन को खेती की जमीन बनाई है. प्रशासन ने यह कार्रवाई गुड़ी वन क्षेत्र के हीरापुरा और नाहरमाल में की है. इससे वन माफियाओं में हड़कंप है.
7000 एकड़ जमीन पर फसल बोई
जंगल की 7 हजार एकड़ जमीन पर माफिया ने सोयाबीन और मक्का की फसल बो दी है. अब प्रशासन की टीम ने इसे हटाने का काम शुरू किया है. जंगल में कब्जा कर चुके माफिया पर कार्रवाई के लिए सोमवार सुबह 9 बजे से फॉरेस्ट टीम पहुंची है. पुलिस और राजस्व अधिकारियों के साथ 400 जवानों का फोर्स भी मौके पर हैं. यह कार्रवाई नाहरमाल सेक्टर के जंगल में की जा रही है.
बारिश की वजह से आ रही थी अड़चन
कब्जा हटा रही टीम को बारिश की वजह से अड़चन आ रही है. जमीन को पूरी तरह कब्जा मुक्त करने में दो से तीन दिन लग सकते हैं. खेत बन चुके जंगल में जेसीबी मशीनों से खंतियां और गड्ढे खोदे जा रहे हैं. फसल को ट्रैक्टर चलाकर रौंदा जा रहा है.
वन माफिया का है कब्जा
वहीं, खंडवा जिले में करीब 10 हजार एकड़ जंगल पर माफिया का कब्जा है. सबसे ज्यादा अतिक्रमण नाहरमाल में ही है. यहां दो साल पहले 7 हजार एकड़ के जंगल को खेत बना दिया गया है. माफिया ने इस साल सोयाबीन और मक्का की फसल बोयी है.
फोर्स देख अतिक्रमणकारी मौके पर नहीं दिखे
माफिया से सख्ती से निपटने के लिए बड़ी संख्या में फोर्स लेकर टीम पहुंची थी. यही वजह है कि कार्रवाई के दौरान अतिक्रमणकारी भी सामने नहीं आए. ग्रामीणों ने प्रशासन का सहयोग करते हुए ट्रैक्टर उपलब्ध कराए हैं. डीएफओ राकेश डामोर, एसडीएम बजरंग बहादुर, फॉरेस्ट एसडीओ संदीप वास्कले, तहसीलदार महेश सोलंकी मौके पर मौजूद हैं.