Prayagraj Violence: 75 बवाली गिरफ्तार, 54 नामजद और 550 अज्ञात पर FIR, गैगस्टर-NSA की कार्रवाई; पुलिस बोली- नहीं बख्शे जाएंगे उपद्रवी

प्रयागराज के करछना के इसौटा गांव में रविवार को हुए बवाल के मामले में पुलिस प्रशासन एक्शन में है. हिंसा में लिप्त 75 आरोपियों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है. वहीं कुल 54 नामजद और 550 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. इसके अलावा हंगामा करने वाले 50 लोगों की पहचान कर उन्हें भी आरोपी बनाया गया है, जिसमें भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी से जुड़े पदाधिकारी भी शामिल हैं.

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क्या था मामला?

दरअसल, 13 अप्रैल को अनुसूचित जाति के देवीशंकर की हत्या के विरोध में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद को मृतक के परिवार वालों से मिलने आना था. उसके बाद कौशांबी में पाल समाज की 8 साल की लड़की के साथ हुई घटना को लेकर वहां भी जाना था. लेकिन पुलिस ने कानून-व्यवस्था का हवाला देकर उन्हें प्रयागराज सर्किट हाउस में नजरबंद कर लिया. इसी के विरोध में समर्थकों ने रविवार को हिंसक प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस की कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई, पथराव हुआ, इसके अलावा कई बाइक में आग भी लगा दी गई.

पुलिस ने लिया सख्त एक्शन

इस बवाल के बाद पुलिस कमिश्नरेट प्रयागराज की एसओजी और करछना थाने की पुलिस ने मिलकर कई जगहों पर छापेमारी कर 75 आरोपियों को अरेस्ट कर लिया. सीसीटीवी फुटेज, वायरल वीडियो, मैन्युअल निगरानी के जरिए तमाम आरोपियों की पहचान की गई. इस कार्रवाई के ज़रिए पुलिस ने साफ कर दिया कि कानून अपने हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे. पूरे मामले पर स्थानीय प्रशासन की नजर बनी हुई है और आगे की जांच तेज़ी से जारी है.

फिलहाल, करछना हिंसा मामले में प्रयागराज पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए कानून-व्यवस्था को फिर से नियंत्रण में ले लिया है. डीसीपी यमुनापार विवेक यादव के मुताबिक- हमने पूरी घटना की निष्पक्ष जांच की है. जो लोग हिंसा में शामिल थे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. साथ ही किसी निर्दोष को परेशान नहीं किया जाएगा.

चंद्रशेखर ने कही ये बात

इस मामले में खास बात ये रही कि भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने बवालियों से किनारा कर लिया. उन्होंने कहा कि उपद्रव करने वाले उनकी पार्टी के कार्यकर्ता नहीं हैं. संगठन संविधान के दायरे में रहकर आंदोलन करता है. हमारे लोग शांतिपूर्ण तरीके से सर्किट हाउस में धरने पर बैठे थे.

गांव में भारी पुलिस बल तैनात

घटना के बाद पूरे इसौटा गांव और आसपास के इलाकों में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. फ्लैग मार्च और लगातार निगरानी की जा रही है, ताकि कोई दोबारा माहौल बिगाड़ने की कोशिश न कर सके. साथ ही बवालियों पर ताबड़तोड़ एक्शन भी जारी है.

हिंसक भीड़ के जाने के बाद मौके पर कई ऐसी मोटरसाइकिलें पाई गईं, जिनका कोई वैध रजिस्ट्रेशन नहीं था या नंबर प्लेट गायब थी. पुलिस को संदेह है कि ये वाहन उपद्रवियों के हैं, जो हंगामे के दौरान छोड़कर भाग गए. अब इन बाइकों की पहचान कराने के लिए ट्रैफिक पुलिस को बुलाया गया, जो गाड़ियों की नंबर प्लेट, चेचिस नंबर और इंजन नंबर के आधार पर मालिकों का पता लगा रही है. इसके ज़रिए भी पुलिस अधिक से अधिक उपद्रवियों की पहचान कर उन पर कार्रवाई की तैयारी में जुटी है.

अब तक की कार्रवाई एक नजर में

हिंसा में शामिल 50 से अधिक लोग गिरफ्तार हुए हैं. 100 से ज्यादा अज्ञात के खिलाफ एफआईआर हुई है. एनएसए, गैंगस्टर एक्ट और दंगों से संबंधित धाराएं लगाई गईं हैं. पुलिस, पत्रकारों और आम नागरिकों के साथ मारपीट के मामलों में कुल 6 मुकदमे दर्ज हुए हैं. CCTV और मोबाइल फुटेज के ज़रिए आरोपी चिन्हित किए जा रहे हैं. डॉग स्क्वॉड और फॉरेंसिक टीम भी जांच में जुटी है.

डीसीपी विवेक कुमार यादव ने कहा- “हमने स्थिति को पूरी तरह से काबू में ले लिया है. इलाके में गश्त और निगरानी जारी है. जो लोग कानून हाथ में ले रहे थे, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा. कई वाहन जब्त किए गए हैं, उनके माध्यम से आरोपियों की पहचान की जा रही है. कानून व्यवस्था बिगाड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.”

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