बोरे-बासी खाना सिखाने 5 घंटे में 8.14 करोड़ रु. खर्च…:1.10 करोड़ के डोम में 75 लाख का खाना, 27 लाख का पानी, 13 लाख की छाछ व 82 लाख की टोपी

छत्तीसगढ़ के लोगों को बोरे-बासी खाना सिखाने के लिए 1 मई 2023 को राजधानी के साइंस कॉलेज मैदान में बड़ा सरकारी जलसा हुआ। महज 5 घंटे का कार्यक्रम। कागज बताते हैं, इस पर 8.14 करोड़ रुपए खर्च हुए। 50 हजार मजदूर जुटे। 35 हजार कुर्सियां लगीं। 1.10 करोड़ रुपए खर्च कर 6 विशाल डोम बने। मजदूरों ने 75 लाख रुपए का खाना खाया।

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27 लाख का पानी पिया। 80 लाख की टोपी पहनी। जबकि हकीकत इससे अलग है। मजदूर महज 15 हजार आए थे। 5 रुपए बोतल वाला पानी 18 रुपए में खरीदा गया। 6 की जगह सिर्फ 4 डोम बने थे। 150 अतिथियों को 10-10 हजार रुपए का मोमेंटो दिया गया, जिसकी कीमत 4 हजार रुपए है। कुर्सियां भी 10-12 हजार ही लगी थीं। सूचना के अधिकार से इस कार्यक्रम के दस्तावेज निकाले गए तो सारी सच्चाई सामने आ गई।

8 करोड़ जैसी भारी रकम को एडजस्ट करने के लिए संख्या को बढ़ाया गया और कई सामान के रेट में भी जमकर खेल किया गया। इस पूरे कार्यक्रम की जिम्मेदारी तत्कालीन सहायक श्रमायुक्त अनिल कुजूर को दी गई थी। अनाप-शनाप बिल लगाकर करोड़ों रुपए की गड़बड़ी कर ली गई।

कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए इस आयोजन का नाम था श्रमिक सम्मेलन। कार्यक्रम में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत कई मंत्री-विधायक और कांग्रेस नेता शामिल हुए थे। यह कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल ने आयोजित किया था।

विशेषज्ञ बोले: इतनी राशि में तो हो जाता स्थायी निर्माण

एक्सपर्ट आर्किटेक्ट के अनुसार अस्थायी निर्माण के साइज और खर्च को देखने पर पता चलता है कि इससे कम में स्थायी निर्माण हो जाता। जानिए कैसे…

ग्रीन और वीवीआईपी रूम बनाने में खर्च किए गए- 35.80 लाख एक्सपर्ट: 735 रुपए प्रति स्क्वॉयर फीट में तो स्थायी निर्माण हो जाता। स्टेज, पब्लिक और फूडिंग के लिए छह डोम बनाए गए- 1.60 करोड़ एक्सपर्ट: लोहे और शेड से भी डोम बनते तो 80 लाख में काम हो जाता। 2100 स्क्वॉयर फीट के रेट से 6 स्टाल बनाने में खर्च हुए – 28.35 लाख एक्सपर्ट: 700 रुपए प्रति स्क्वॉयर फीट में तो घर-बंगले का निर्माण होता है।

 

11 लाख में साउंड सिस्टम लगा, श्रमिकों को लाने में 9.65 लाख रु. खर्च

 

7 लाख का ग्रीन कारपेट

1.45 लाख के डोम पर पर्दे

70 हजार का एक गुब्बारा

11.4 लाख के साउंड सिस्टम

80 हजार के स्विच सॉकेट

2.22 लाख के कूलर लगे

81,400 के सिलिंग फैन लगे।

2.36 लाख के जनरेटर

2 लाख के टावर एसी

16 हजार श्रमिकों को वाहनों से लाने में 9.65 लाख खर्च।

40 हजार कैप 205 रुपए की दर से खरीदे, 82 लाख का पेमेंट हुआ।

30 हजार ब्रॉशर को 80 रु. की दर से खरीदा, 24 लाख लगे।

35 हजार कुर्सियां 7 रुपए की दर से लगाई गईं, इसके लिए 2.61 लाख रुपए खर्च हुए।

50 हजार को 150 रु. की दर से खाना खिलाया, 75 लाख खर्च

70 हजार पैकेट छाछ लोगों ने पी, 18 रु. की दर से 12.6 लाख खर्च

1.5 लाख पानी की बोतल 18 की दर से खरीदी गई।

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