दिल्ली में अवैध बांग्लादेशी नागरिकों सहित अवैध प्रवासियों के सत्यापन के लिए दक्षिण पश्चिम जिले में अभियान चलाया गया. घर-घर जाकर सत्यापन किया गया और लगभग 400 परिवारों की जांच की गई तथा उनके दस्तावेज जमा किए गए. दिल्ली पुलिस ने बताया कि अभियान के दौरान, एक पुरुष और एक महिला सहित 8 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया. वे जंगल के रास्ते और एक्सप्रेस ट्रेनों का उपयोग करके भारत में घुसे थे. बांग्लादेश से 8 अवैध प्रवासियों को FRRO के माध्यम से बांग्लादेश भेजा गया है.
डिपोर्ट करने वालों की पहचान जहांगीर, परिना बेगम, जाहिद, अहिद, सिराजुल, फातिमा, आशिमा और वाहिद के रूप में हुई है. ये सभी बांग्लादेश के निवासी थे और विभिन्न क्षेत्रों में मजदूर के रूप में काम करते थे. एक अलग घटना में, एक व्यक्ति को पकड़कर आरके पुरम से डिपोर्ट किया गया.
किराए पर कमरा ढूंढ रहा था बांग्लादेशी
पुलिस को हाल ही में आरके पुरम के सेक्टर-2 के हनुमान मजदूर कैंप में रहने वाले एक अवैध बांग्लादेशी नागरिक के बारे में सूचना मिली थी, जो किराए पर कमरा ढूंढ रहा था. पकड़े जाने पर, फिरोज ने शुरू में पश्चिम बंगाल का निवासी होने का दावा किया. हालांकि, निरंतर पूछताछ के बाद, उसने बांग्लादेश के मदारीपुर के रूप में अपने पैतृक पते का खुलासा किया.
फिरोज ने पुलिस को बताया कि उसके माता-पिता 1990 में अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर गए. फिरोज को इससे पहले 2004 में बांग्लादेश डिपोर्ट किया गया था, लेकिन वह 2022 में अवैध रूप से भारत लौट आया और दिल्ली में विभिन्न दुकानों और ढाबों पर काम करने लगा.