Vayam Bharat

8 एपिसोड, 45 मिनट का हर पल और एक दमदार कहानी… स्क्रीन पर जयदीप अहलावत नहीं, सिर्फ हाथीराम की गूंज!”

एक इंटरव्यू में एक्टर जयदीप अहलावत (Jaideep Ahlawat) ने बताया था कि अमेजन प्राइम (Amazon Prime) की सीरीज पाताल लोक (Patal Lok) में उनके किरदार का नाम हाथीराम चौधरी (Hathiram Chaudhary) क्यों है? और आखिर हाथीराम का मतलब क्या है? जयदीप ने बताया था कि उनकी मां कहा करती थीं कि हाथी का शरीर बहुत बड़ा होता है, लेकिन उसकी आंखें बहुत छोटी और कान बड़े होते हैं. अगर उसे ये पता चल जाए कि उसका शरीर इतना बड़ा है तो वो बेकाबु हो जाएगा. उसकी छोटी-छोटी आंखें जो नहीं देख पातीं, कान वो सबकुछ सुन लेते हैं. भले जयदीप के किरदार का ये नाम मजे-मजे में रखा गया हो, लेकिन उनके किरदार की परिभाषा कुछ ऐसी ही है.

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अमेजन प्राइम की ये वो सीरीज है जिसके पहले सीजन को लेकर लोगों ने गुस्सा भी दिखाया और हचक कर इसे देखा भी. लेकिन अगर आप इस भेड़चाल का हिस्सा नहीं थे और आपने पाताल लोक सीजन 1 नहीं देखा और अब सोच रहे हैं कि दूसरा तो देख लें, तो आराम से प्राइम का सब्सक्रिप्शन ले लें और देख डालें क्योंकि पहले सीजन से इसका कोई लेना-देना नहीं है. पाताल लोक सीजन 2 (Pataal Lok Season 2) एक स्टैंडअलोन सीरीज है. अब ये सीरीज कैसी है इसे भी जान लीजिए.

कमजोर दिल वालों के लिए नहीं है पाताल लोक

सीरीज की शुरुआत एक बड़े से आलीशान होटल के कमरे के बाहर खड़े वेटर से होती है. वो एक कमरे के बाहर हाथ में गर्मा-गर्म चाय की ट्रे लेकर खड़ा है और बेल बजा रहा है, लेकिन दरवाजे के पीछे से ‘अंदर आ जाओ’ की आवाज नहीं आ रही. दरवाजा हाथ लगाने पर खुलता है और वेटर अंदर जाता है. पूरे कमरे में गेस्ट का सामान तो है, पर गेस्ट लापता हैं. फिर वेटर की नजर बाथरूम के दरवाजे पर पड़ती है. वो बाथरूम में घुसता है और जो देखता है उससे दहल जाता है. सामने एक लाश पड़ी है जिससे खून रिस रहा है, लेकिन सबसे खौफनाक बात ये है कि उस लाश का सिर उसके धड़ पर ना होकर ऊपर बनी पट्टी पर रखा है. ये वो स्वर्ग लोक है जिसमें पाताल लोक के कीड़े घुस गए हैं.

स्क्रीन पर अहलावत नहीं हाथीराम ही दिखते हैं

एंट्री होती है जयदीप अहलावत के किरदार हाथीराम की जो अभी भी इसी पाताल लोक का निवासी है. जयदीप के चेहरे, उनके हाव-भाव, बोलचाल हर चीज में मेहनत करने के बाद भी आगे का बढ़ पाने की खलिश को साफ महसूस किया जा सकता है. वो एक केस से जूझ रहे हैं कि तभी उनकी नजर उनके जूनियर अंसारी पर पड़ती है जो अब जूनियर नहीं रहा. वो अब ACP बन गया है. अंसारी यानी इश्वाक सिंह का भोला-भाला सरल सा चेहरा काफी कुछ बयान करता है जब पहली बार कैमरा उनकी ओर देखता है. अंसारी भले ACP बन गया है लेकिन फिर भी वो हाथीराम की उतनी ही इज्जत करता है. इस कत्ल से दोनों के रास्ते फिर से मिलते हैं और किस्मत दिल्ली से निकलकर नागालैंड ले आती है, क्योंकि जिसका कत्ल हुआ वो नागालैंड का एक बड़ा लीडर था और दिल्ली में ये डेलीगेशन एक बहुत बड़े समिट के लिए आया था.

8 एपिसोड 45 मिनट और 5 से 6 घंटे

हाथीराम और अंसारी की केमेस्ट्री बहुत शानदार है और इसको और शानदार बना देतीं हैं तिलोतमा शोम. तिलोतमा का किरदार मेघना नागालैंड में एक लोकल पुलिस ऑफिसर है. नागालैंड की भाषा नागामीज और इंडियन इंग्लिश है. कुछ लोग थोड़ी-थोड़ी हिंदी समझते हैं. तिलोतमा ने जिस तरह से नागालैंड की भाषा का एक्सेंट पकड़ा है वो शानदार है. शानदार काम से याद आया, कपिल रेड्डी बने नागेश कुकनूर ने भी कमाल का काम किया है. इसके अलावा नागालैंड के एक्टर्स ने बहुत ही खूबसूरती से नोर्थ-ईस्ट की समस्याओं को पर्दे पर दिखाया है.

बात करें शो के स्क्रीनप्ले और डायरेक्शन की तो शो का स्क्रीनप्ले कमाल का है. हालांकि, ये शो अपने पिछले सीजन की तरह काफी स्लो पेस है और कहानी इस बार सारे ट्विस्ट और टर्न आपको थाली में परोसकर नहीं देती बल्कि आपको खुद अपना दिमाग लगाना पड़ता है. शो में टोटल 8 एपिसोड हैं सारे 45 मिनट के. तो ये आपका लगभग 5-6 घंटा लेंगे, लेकिन जब आप शो पूरा करेंगे तो आपको मजा खूब आएगा. पहले कल्ट सीजन के बाद दूसरे को उसी तर्ज पर बनाना अक्सर आसान नहीं होता है, लेकिन पाताल लोक ने धमाकेदार वापसी की है.

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