उत्तर प्रदेश: बहराइच में सरयू नदी से कटान की वजह से महसी तहसील के जानकीनगर और आसपास के गांवों में 80 घर जमींदोज हो गए. जुलाई और अगस्त में हुए इस भीषण कटान से ग्रामीणों का सबकुछ उजड़ गया. राहत और मुआवजा देने की घोषणा तो हुई, लेकिन अब तक केवल 11 प्रभावित परिवारों को ही गृह अनुदान की सहायता मिल सकी है. बाकी ग्रामीण अब भी उम्मीद और इंतजार में दिन काट रहे हैं.
सरयू नदी ने इस बार जमकर कहर बरपाया. नदी महसी तहसील के जानकीनगर क्षेत्र में कटान करते हुए 41 पक्के मकान, 12 कच्चे मकान और 27 झोपड़ियों को अपने साथ बहा ले गई. अब तक 69 परिवार ऐसे हैं, जो राहत और सहायता के इंतजार में खुले आसमान तले गुजर बसर कर रहे हैं. सभी 80 परिवारों को 69 लाख 11 हजार रुपये का गृह अनुदान मिलना है. इनमें से जिन 11 परिवारों को मुआवजा मिला है, वे अपने लिए नया आशियाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन बाकी परिवार सरकारी मदद के इंतजार में हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि केवल आश्वासन से पेट नहीं भरता. तहसील प्रशासन के अनुसार पक्के और कच्चे मकानों के लिए 1 लाख 20 हजार रुपये प्रति परिवार के लिए राहत सहायता तय है, जबकि जिनकी झोपड़ियां नदी में समा गई हैं, उन्हें 13 हजार रुपये दिए जाएंगे.
अभी क्यों अटकी है राहत?
तहसीलदार विकास कुमार ने बताया कि प्रभावित ग्रामीणों की सूची जिला मुख्यालय भेजी गई थी, लेकिन कुछ अभिलेख अधूरे होने के चलते फाइल वापस कर दी गई. अब अभिलेख पूरे कर फाइल दोबारा भेजी जा रही है. उन्होंने दावा किया कि किसी भी प्रभावित परिवार को राहत से वंचित नहीं होने दिया जाएगा. सभी को मुआवजा मिलेगा.