देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में नौ साल पहले हुए महिला इंस्पेक्टर अश्वनि बिद्रे हत्याकांड में कोर्ट का फैसला आ गया है. कोर्ट ने इस मामले में अश्वनि के लिवइन पार्टनर अभय कुरंदकर को दोषी करार दिया है. वहीं आरोपी इंस्पेक्टर को सजा सुनाने के लिए 11 अप्रैल की तिथि मुकर्रर की है. आरोपी अभय ने अश्विन के साथ लिव-इन में रहते हुए उसकी हत्या कर दी थी. वहीं शव को टुकड़ों में काट कर ठिकाने लगा दिया था. इस घटना ने पूरे देश में हलचल मचा दिया था. बावजूद इसके, आरोपी अभय कुरंदकर को अगले ही साल राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
उसी समय से मामले की सुनवाई पनवेल के जिला एवं सत्र न्यायालय में चल रहा था. इसमें कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों और सबूतों को देखते और परखते हुए 9 साल बाद आरोपी इंस्पेक्टर अभय कुरुंदकर को हत्या का दोषी माना है. कोर्ट ने इस वारदात में साथ देने वाले कुरुंदकर के दो साथियों को भी दोषी माना है. इनके ऊपर आरोप है कि इन्होंने शव को ठिकाने लगाने और सबूत मिटाने में इंस्पेक्टर कुरंदकर की मदद की. मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने हैरानी जताई कि इस शातिर आरोपी को अगले ही वर्ष यानी 2017 में राष्ट्रपति पदक कैसे मिल गया.
पहले पदक मिला, फिर गिरफ्तारी
महाराष्ट्र पुलिस में इंस्पेक्टर अभय कुरुंदकर की गिनती तेज तर्रार कॉप में होती थी. उनकी बहादुरी के लिए साल 2017 में उन्हें राष्ट्रपति पदक से नवाजा गया था. उन्हीं दिनों उनकी इंस्पेक्टर अश्वनि बिद्रे हत्याकांड में गिरफ्तारी भी हुई थी. दरअसल इंस्पेक्टर अभय और अश्वनि में प्यार था. दोनों लिवइन में रहते थे और इसी बीच अचानक से अश्वनि लापता हो गई. बाद में पुलिस ने अश्विन के शव का कुछ हिस्सा टुकड़ों में बरामद किया था. पुलिस ने मामले की जांच की इस दौरान पाया गया कि यह वारदात खुद अभय ने अंजाम दिया था. कोर्ट ने पुलिस ने अपनी बात को साबित भी किया. इसके बाद आरोपी को सजा हुई है.
यह है मामला
इंस्पेक्टर अश्विनी बिद्रे कोल्हापुर की रहने वाली थी. साल 2005 में उनकी शादी राजू गोरे नामक व्यक्ति से हुई थी. शादी के दो साल बाद उन्होंने महाराष्ट्र पीएससी पास कर ली और पुलिस में सब-इंस्पेक्टर बन गईं. उनकी पहली पोस्टिंग पुणे में हुई थी और तीन साल बाद तबादला सांगली हो गया. उस समय पति राजू गोरे और डेढ़ साल की बेटी भी साथ में रहते थे. इसी दौरान अश्विनी अपने वरिष्ठ सहकर्मी अभय कुरुंदकर के संपर्क में आई और दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे थे.
पहले से विवाहित था इंस्पेक्टर अभय
उस समय अभय कुरुंदकर भी विवाहित था और उसके दो बच्चे भी थे. बावजूद इसके दोनों साथ रहने का फैसला किया. इस प्रकार अक्टूबर 2014 में अश्विनी अपने पति से अलग हो गईं और अभय के साथ रहने लगी. उधर, अभय ने अपने रिश्ते की जानकारी अपने घर में नहीं दी. अभय और अश्विनी नवी मुंबई में एक किराए के फ्लैट में रहने लगे. संयोग से साल 2015 में अश्विनी को पदोन्नति मिली और वह भी इंस्पेक्टर बन गई.
दो महीने बाद दर्ज हुआ था मुकदमा
केस डायरी के मुताबिक 11 अप्रैल 2016 को अश्वनि अचानक लापता हो गई. चार दिन बाद यानी 15 अप्रैल को उसके भाई आनंद को फोन पर अश्वनि के नंबर से मैसेज आया कि वह किसी काम से उत्तर प्रदेश गई है और एक सप्ताह बाद वापस आएगी. लेकिन जब दो महीने बाद भी उसकी कोई खबर नहीं मिली तो परिजनों ने पुलिस में शिकायत दी. इस प्रकार मामले का खुलासा हुआ था.