अमेरिका के टेक्सास राज्य में बजरंगबली हनुमानजी की 90 फीट ऊंची भव्य मूर्ति स्थापित की गई है. इसने न केवल भारतीय समुदाय में गर्व और खुशी का आलम है बल्कि पूरे अमेरिका में इसे एक सकारात्मक पहल के तौर पर देखा जा रहा है. यह मूर्ति अमेरिका में स्थापित धार्मिक मूर्तियों में से एक सबसे ऊंची मूर्तियों में शामिल हो गई है. इससे ऊंची केवल स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी और पेगासस की ड्रैगन की मूर्तियाँ ही हैं, जो अमेरिकी इतिहास और संस्कृति के प्रतीक मानी जाती हैं.
शक्ति और करुणा की प्रतीक है मूर्ति
भगवान हनुमान की इस विशाल मूर्ति का निर्माण भारतीय वास्तुकला के अद्भुत नमूने के रूप में किया गया है. मूर्ति में भगवान हनुमान की शक्तिशाली और करुणामयी छवि नजर आती है. गदा धारण की हुई उनकी यह मूर्ति 90 फीट ऊंची है, जिससे यह धार्मिक महत्व का प्रतीक तो है ही साथ ही बनती है बल्कि वास्तुकला और इंजीनियरिंग का भी अद्वितीय उदाहरण है.
टेक्सास में इस मूर्ति की स्थापना को भारतीय समुदाय गर्व और सम्मान का प्रतीक के तौर पर देख रहा है. स्थानीय लोगों में भी इस मूर्ति को लेकर काफी उत्साह है,मूर्ति के अनावरण में एक भव्य समारोह हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी और अमेरिकी नागरिक शामिल हुए. इस दौरान बजरंग बली की विशेष पूजा भी की गई.
मूर्ति की निर्माण प्रक्रिया में कई महीनों का समय लगा. और इसमें बड़ी संख्या में श्रमिकों और विशेषज्ञों की मेहनत शामिल थी. हनुमान प्रतिमा का नामकरण ‘स्टैच्यू ऑफ यूनियन’ के रूप में किया गया है. जानकारी के मुताबिक, टेक्सास के सुगर लैंड नामके शहर में श्री अष्टलक्ष्मी मंदिर में विशाल बजरंगबली की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई है. हनुमान प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा का श्रेय चिन्नाजीयर स्वामीजी को दिया जा रहा है.
अमेरिका में भारतीय संस्कृति की बढ़ रही मौजूदगी
टेक्सास में स्थापित इस मूर्ति ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि भारतीय संस्कृति की जड़ें अब अमेरिका में भी मजबूत हो रही हैं. इससे पहले भी अमेरिका के विभिन्न हिस्सों में भारतीय देवी-देवताओं की मूर्तियों की स्थापना की गई है, लेकिन 90 फीट ऊंची बजरंग बली की यह मूर्ति अपनी भव्यता और महत्व के कारण खास बन गई है. यह मूर्ति केवल एक धार्मिक प्रतीक नहीं है, बल्कि यह अमेरिका में भारतीय संस्कृति की गहरी छाप का प्रतीक है. यह उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी, जो अपनी संस्कृति और आस्था को दूर देश में भी जीवित रखना चाहते हैं.
स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी और पेगासस-ड्रैगन के साथ हो रही तुलना
अमेरिका के टेक्सास में स्थापित भगवान हनुमान की 90 फीट ऊंची मूर्ति ने न केवल भारतीय समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है, बल्कि इसे अमेरिका की अन्य प्रसिद्ध मूर्तियों जैसे स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी और पेगासस-ड्रैगन के साथ भी तुलना की जा रही है. आइए, इन तीनों मूर्तियों की तुलना करते हैं और जानते हैं कि कैसे हनुमान जी की मूर्ति ने अपनी अलग पहचान बनाई है.
स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी: स्वतंत्रता का प्रतीक
ऊंचाई: 305 फीट (93 मीटर)
स्थान: न्यूयॉर्क, अमेरिका
महत्व: स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी, जिसे 1886 में फ्रांस द्वारा अमेरिका को उपहार में दिया गया था, यह स्वतंत्रता और लोकतंत्र का प्रतीक है. यह मूर्ति अमेरिका के इतिहास और मूल्यों का प्रतिनिधित्व करती है और न्यूयॉर्क के हार्बर में स्थित है, जहां से यह समुद्र के रास्ते आने वाले यात्रियों का स्वागत करती है.
पेगासस और ड्रैगन: पौराणिक कथा का प्रतीक
ऊंचाई: 110 फीट (34 मीटर)
स्थान: फ्लोरिडा, अमेरिका
महत्व: पेगासस और ड्रैगन की मूर्ति एक पौराणिक कहानी पर आधारित है, जिसमें पेगासस (पंखों वाला घोड़ा) और ड्रैगन के बीच की लड़ाई को दर्शाया गया है. यह मूर्ति फ्लोरिडा के गल्फस्ट्रीम पार्क में स्थित है और इसे पौराणिक कथाओं और कल्पनाओं के प्रतीक के रूप में देखा जाता है.
हनुमान जी की मूर्ति: शक्ति और भक्ति का प्रतीक
ऊंचाई: 90 फीट (27.4 मीटर)
स्थान: टेक्सास, अमेरिका
महत्व: भगवान हनुमान की यह मूर्ति भारतीय संस्कृति और धार्मिक आस्था का प्रतीक है. हनुमान जी को साहस, भक्ति, और शक्ति का अवतार माना जाता है. यह मूर्ति भारतीय समुदाय के लिए गर्व का विषय है और अमेरिका में भारतीय संस्कृति की गहरी छाप का प्रतीक है.
ऊंचाई में अंतर: स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी और पेगासस-ड्रैगन, दोनों की ऊंचाई हनुमान जी की मूर्ति से अधिक है. स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की ऊंचाई 305 फीट है, जबकि पेगासस-ड्रैगन की मूर्ति 110 फीट ऊंची है. हनुमान जी की मूर्ति 90 फीट ऊंची है, जो इसे अमेरिका की ऊंची धार्मिक मूर्तियों में से एक बनाती है.