मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड नए संशोधन अधिनियम की तर्ज पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है. वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सांवर पटेल का दावा है कि प्रदेश में वक्फ की 15 हजार संपत्तियों में से 90 फीसदी पर अवैध कब्जे हैं. वहीं, इनमें से 99 फीसदी से ज्यादा वक्फ जमीनों पर कांग्रेस नेताओं का कब्जा है. पटेल ने कहा कि इस संबंध में वह 2000 से ज्यादा कांग्रेस नेताओं को नोटिस भेजने की तैयारी कर रहे हैं.
सांवर पटेल ने कहा कि अवैध कब्जे वाली जमीनों से आज तक वक्फ को कोई राजस्व नहीं मिला है. जबकि इससे करोड़ों रुपए की कमाई हुई है. उन्होंने कहा कि वो दो हजार से ज्यादा नेताओं की सूची तैयार की है, जिन्होंने जमीनों पर अवैध कब्जा किया है. उन्हें नोटिस भेजने की तैयारी चल रही है. इस दौरान उन्होंने कुछ नेताओं के नाम भी बताए. उन्होंने यह भी कहा कि कई नेता ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी बेटी और दामाद के नाम पर वक्फ संपत्तियों पर कॉलोनियां कट रखी हैं.
‘यतीम खाने की जमीन प्राईवेट अस्पताल को दिए’
एमपी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सांवर पटेल ने उज्जैन के कांग्रेस के घोषित नेता रियाज खान, सागर के अल्ताफ काजी और इंदौर गढ़वाली चौकी के इकबाल खान पर वक्फ बोर्ड की जमीन हड़पने का आरोप लगाया है. साथ ही उनका कहना है कि भोपाल में साल 2005 में शाहिद अलीम को वक्फ बोर्ड के पीछे स्थित यतीम खाने का प्रबंधन सौंपा गया था. कुछ समय बाद उन्होंने इसके सामने की जमीन एक निजी अस्पताल को किराए पर दे दी. इसके अलावा वे हर साल कई एकड़ जमीन पर बड़ा बाजार संचालित कर रहे हैं.
पटेल के मुताबिक यतीम खाने की सुरक्षा और प्रबंधन के लिए शाहिद आलम को अधिकृत किया गया था, जो नियमों के खिलाफ अस्पताल चला रहे हैं और वक्फ को सालाना 15 लाख रुपए किराया देने की बजाय खुद वसूलते हैं. वहीं बीजेपी नेता और मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस के जिन नेताओं पर आरोप लगे हैं, उनसे बात करने की कोशिश की. शाहिद अलीम ने इस मामले पर बात करने से इनकार कर दिया. इंदौर के इकबाल खान ने कहा कि मुझे जो भी जवाब देना होगा, मैं वक्फ बोर्ड को दूंगा.
इसलिए नए कानून की जरूरत थी- विश्वास सारंग
एमपी सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि उन्होंने इस मामले में उज्जैन के रियाज खान से भी बात की, उनका कहना है कि वक्फ की जमीन पर मेरा कोई कब्जा नहीं है. सभी मामले कोर्ट में हैं. इस मामले में मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि नए कानून की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि वक्फ के नाम पर भ्रष्टाचार चरम पर था. वक्फ बोर्ड ने जो सूची तैयार की है, वह सोच-समझकर ही तैयार की गई होगी.
बड़ी मछलियों को निकाला जाना चाहिए- आरिफ मसूद
वहीं, इस मुद्दे पर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने भी प्रतिक्रिया दी है. मसूद का कहना है कि इस पूरे मामले की उचित जांच होनी चाहिए. जो भी अवैध कब्जेदार हैं, उन्हें हटाया जाना चाहिए. वक्फ की जमीन से छोटी मछलियों को नहीं बल्कि बड़ी मछलियों को निकाला जाना चाहिए. फिलहाल वक्फ बोर्ड एक्शन मोड में नजर आ रहा है. वहीं, कई नेता अब इस विवाद पर बोलने से बच रहे हैं.