कोरबा: मिडिल स्कूलों में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए अब जिला स्तर पर ही शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है. इस तरह की नियुक्ति अब तक हाई और हायर सेकंडरी स्कूलों में विषय विशेषज्ञ शिक्षकों को दी जाती थी. अब मिडिल स्कूलों में भी शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी. जिला खनिज संस्थान न्यास(डीएमएफ) के माध्यम से कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत ने मिडिल स्कूलों के लिए 96 शिक्षकों की स्वीकृति दी है. कोरबा जिले को औसतन 200 करोड़ रुपए सालाना डीएमएफ से मिलता है. जिसे निर्माण कार्यों पर ही खर्च कर दिया जाता है. इस फंड से किए जाने वाले खर्च पर हमेशा सवालिया निशान लगा रहता है. लेकिन अब इस फंड से शिक्षकों को सैलरी दिया जाएगा.
518 मॉडल स्कूल संचालित :शिक्षकों की भर्ती को स्वीकृति के साथ ही शिक्षा विभाग की तरफ से भर्ती प्रक्रिया जल्द करने की तैयारी भी शुरू कर दी गई है. जिन मिडिल स्कूलों में तीन से कम शिक्षक थे, ऐसे स्कूलों में कम से कम तीन टीचर्स अप्वाइंट किए जाएंगे. न्यूनतम तीन शिक्षक होंगे. मिडिल स्कूलों में शिक्षकों
की पर्याप्त व्यवस्था से छात्रों को लाभ मिलेगा. इससे जिले की शिक्षा व्यवस्था भी सुधरेगी. कोरबा जिले में लगभग 518 मिडिल स्कूल हैं. इनमें से कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी होने से बच्चों की पढ़ाई ठीक से नहीं हो पा रही है. खासतौर पर वनांचल क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों की कमी हमेशा ही बनी रहती है.
इस तरह होगी शिक्षकों की भर्ती : कोरबा में डीएमएफ से 96 शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया शाला प्रबंधन समिति के माध्यम से की जाएगी. सबसे पहले ग्राम पंचायत स्तर पर योग्य शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी. योग्य अभ्यर्थी नहीं मिलने पर विकासखंड स्तर पर, फिर जिला स्तर पर अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी.शिक्षा सत्र के शुरुवात के साथ ही हाई और हायर सेकंडरी स्कूलों में विषय विशेषज्ञ 118 शिक्षकों की नियुक्ति भी जारी है. कुछ दिन पहले ही प्राचार्य, व्याख्याताओं की बैठक लेकर कलेक्टर ने गुणवत्तामूलक टीचिंग और शैक्षणिक माहौल को बेहतर बनाने के लिए जरूरी संसाधन उपलब्ध कराने की पहल भी की.