गौरेला पेंड्रा मरवाही: एकलव्य आदिवासी आवासीय छात्रावास लाटा में 9वीं क्लास में पढ़ने वाले 14 साल के लड़के की संदिग्ध परिस्थतियों में मौत हो गई. बच्चे के पिता के मुताबिक उन्हें हॉस्टल जाने के बाद पता चला कि उनके बेटे की तबीयत पिछले कुछ दिनों से खराब थी. जिसकी जानकारी उन्हें नहीं दी गई ना ही हॉस्टल मैनेजमेंट ने बच्चे का इलाज कराया.
14 साल के बेटे को खो चुके पिता रेवा सिंह ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि 10 मार्च को बेटे शिवम से उनकी बात हुई. शिवम ने उन्हें बताया कि होली की छुट्टी लगने वाली है. 11 मार्च को उसका आखिरी पेपर है. जिससे वह उसे लेने हॉस्टल आ जाए. दूसरे दिन 11 मार्च को पिता हॉस्टल पहुंचे. वहां टीचर से मिले. उन्हें बताया कि वह शिवम सिंह के पिता है. पिता के मुताबिक टीचर ने कहा कि ये वही शिवम के पिता है जिसको दो तीन दिन से चक्कर आ रहा था, तबीयत खराब थी.
रेवा सिंह ने आगे बताया कि दूसरे लड़के शिवम को सहारा देकर अपने साथ लाए. “वहां मैंने पूछा कि क्या हुआ, लड़का कुछ नहीं बोल पा रहा था. हॉस्टल वालों ने बच्चे की तबीयत खराब होने के बारे में कुछ भी नहीं बताया. हॉस्टल वाले ने ना जानकारी दी ना ही बच्चे को फोन करने देते थे. बच्चा बताता था कि खाने में काफी व्यवस्था है. बच्चे का था कि इस साल पड़ने के बाद हॉस्टल छोड़ना चाहता था. मेरे साथ जो हो गया ऐसा और किसी बच्चे और उनके परिजनों के साथ नहीं होना चाहिए.”
लड़का बहुत गंभीर हालत में आया था. खाना पीना भी सही समय पर नहीं मिल रहा है. छात्रावास और अधीक्षक भी लापरवाही करते हैं. घर वालों से भी फोन पर बात करने नहीं जाते हैं. चौकीदार से बात करने के लिए फोन मांगा तो उन्होंने पैसे मांगे. इस मामले में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि दूसरे बच्चों के साथ ऐसा कुछ ना हो.- सुखदेव सिंह, परिजन
हॉस्पिटल से मिले मेमू के आधार पर गौरेला पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है. गौरेला थाना प्रभारी नवीन बोड़कर ने बताया कि एकलव्य आदर्श छात्रावास में सरखोर का रहने वाला 9वीं क्लास का छात्र पढ़ता था. उसकी तीन चार दिन से तबीयत खराब थी. जिला अस्पताल में उसे भर्ती किया गया था. उसके बाद हायर सेंटर में रेफर किया गया. बुधवार दोपहर को छात्र की मौत हो गई. मर्ग कायम कर जांच में लिया गया है.