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फर्जी आयकर अधिकारी बनकर व्यापारी के घर पर मारा छापा, GST इंस्पेक्टर समेत 5 गिरफ्तार

दाहोद: गुजरात के दाहोद जिले में एक व्यापारी से ठगी करने के आरोप में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि दो आरोपी फरार हैं. पुलिस के मुताबिक इस मामले में कुल सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. आरोपियों ने फर्जी आयकर अधिकारी बनकर एक स्थानीय साहूकार के परिसर पर छापेमारी की और दो लाख रुपये की धोखाधड़ी की थी.

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पुलिस के मुताबिक, शुक्रवार को 7 लोग एक स्थानीय व्यवसायी के घर पहुंचे और कथित तौर पर आयकर चोरी के लिए छापेमारी करने का नाटक किया. आरोपियों ने स्थानीय लाइसेंसधारी साहूकार अल्पेश प्रजापति से ‘टैक्स चोरी का निपटारा’ करने के लिए 25 लाख रुपये की मांग की.

सुखसर पुलिस थाने में दर्ज अपनी शिकायत में प्रजापति ने कहा है कि आरोपियों ने परिसर में दुकान में रखे आभूषणों की जांच की और आभूषण जब्त न करने और मामले को निपटाने के बदले में 25 लाख रुपये की मांग की. प्रजापति ने पुलिस को बताया कि उन्होंने आरोपियों से कहा कि उनके पास केवल 2 लाख रुपये नकद उपलब्ध हैं

उन्होंने कहा कि इसके बाद आरोपी दो लाख रुपये लेकर चले गए. प्रजापति ने कहा, बाद में जब मैंने अपने एक रिश्तेदार को ‘छापेमारी’ के बारे में बताया तो उसने कहा कि यह फ्रॉड हो सकता है. मैंने तुरंत पुलिस से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई.”

आरोपियों की पहचान भावेश आचार्य, अब्दुल सुलेमान, राकेश राठौड़, उमेश पटेल, मनीष पटेल, विपुल पटेल (वडोदरा का जीएसटी इंस्पेक्टर) और सूरत के नयन पटेल शामिल हैं. भावेश आचार्य अहमदाबाद पुलिस में आउटसोर्सिंग के आधार पर कार्यरत है.

पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने करीब 25 दिन पहले सुखसर में साहूकार और कपड़ा व्यवसायी अल्पेश प्रजापति की दुकान पर टोह ली थी. अब्दुल और राकेश ने पहले भी इलाके की टोह ली थी. इसके बाद अलग-अलग पेशों से जुड़े सात आरोपियों ने कारोबारी के परिसर में फर्जी छापेमारी की साजिश रची और फर्जी आयकर अधिकारी बनकर अल्पेश प्रजापति की दुकान पर छापा मारा, खातों के रिकॉर्ड और ग्राहकों के गिरवी रखे आभूषणों की जांच की.

फर्जी छापेमारी का मास्टरमाइंड विपुल पटेल

पुलिस के मुताबिक, आणंद निवासी जीएसटी इंस्पेक्टर विपुल पटेल ने फर्जी छापेमारी के पीछे मास्टरमाइंड के रूप में काम किया. इससे पहले वह राज्य जीएसटी विभाग में क्लर्क था. 16 साल की सेवा के बाद उसे इंस्पेक्टर के पद पर पदोन्नत किया गया था. लालच में आकर उसने अपने रिश्तेदार उमेश और मनीष के साथ मिलकर यह फर्जीवाड़ा किया. विपुल की इस साजिश में दाहोद निवासी अब्दुल और राठौड़ भी लालच में आकर शामिल हो गए.

गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में से एक आचार्य अहमदाबाद के विवेकानंद नगर पुलिस स्टेशन में आउटसोर्स स्टाफ सदस्य के रूप में कार्यरत है. वह आरटीआई कार्यकर्ता और पत्रकार के रूप में भी काम कर चुका है. एक अन्य आरोपी उमेश उसी पुलिस स्टेशन में होमगार्ड के रूप में काम करता था.

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