प्रयागराज में आज से महाकुंभ का शुभारंभ हो गया है. पहले ‘अमृत स्नान’ के लिए श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ उमड़ी है. महाकुंभ के शुभारंभ पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बधाई दी है. सीएम योगी ने ट्वीट कर कहा, पौष पूर्णिमा की बधाई. विश्व के विशालतम आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक समागम ‘महाकुम्भ’ का आज से तीर्थराज प्रयागराज में शुभारंभ हो रहा है.
#WATCH | Prayagraj | Devotees take holy dip in Triveni Sangam – a scared confluence of rivers Ganga, Yamuna and 'mystical' Saraswati as today, January 13 – Paush Purnima marks the beginning of the 45-day-long #MahaKumbh2025 pic.twitter.com/Efe6zetUc4
— ANI (@ANI) January 13, 2025
उन्होंने कहा कि अनेकता में एकता की अनुभूति के लिए, आस्था एवं आधुनिकता के संगम में साधना एवं पवित्र स्नान के लिए पधारे सभी पूज्य सन्तों, कल्पवासियों, श्रद्धालुओं का हार्दिक स्वागत है. मां गंगा आप सभी की मनोकामना पूर्ण करें. महाकुंभ प्रयागराज के शुभारंभ और प्रथम स्नान की मंगलमय शुभकामनाएं.
पौष पूर्णिमा की बधाई।
विश्व के विशालतम आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक समागम 'महाकुम्भ' का आज से तीर्थराज प्रयागराज में शुभारंभ हो रहा है।
अनेकता में एकता की अनुभूति के लिए, आस्था एवं आधुनिकता के संगम में साधना एवं पवित्र स्नान के लिए पधारे सभी पूज्य सन्तों, कल्पवासियों, श्रद्धालुओं…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 12, 2025
ब्रह्मुहुर्त में प्रथम स्नान करने पहुंचे लाखों श्रद्धालु
समानता और समरसता का महाकुंभ
महाकुंभ के शुभारंभ पर लाखों श्रद्धालु ब्रह्मुहुर्त में प्रथम अमृत स्नान करने पहुंचे हैं. भारत की सदियों पुरानी परंपरा आज संगम तटों पर फिर से जीवंत हो उठी है. विश्व के सबसे बड़े धार्मिक समागम में श्रद्धालु पूर्ण उत्साह और उमंग के साथ भागीदारी कर रहे हैं.
महाकुम्भ में कोई भेदभाव नहीं, कोई पक्षपात नहीं, ना कोई ऊंचा ना कोई नीचा. भारत की संस्कृति के अविरल प्रवाह में सब एक समान हैं और मां गंगा के तटों पर समानता और समरसता का विहंगम दृश्य आज जीवंत हो उठा है.
144 साल बाद आया है महाकुंभ
यह महाकुंभ 144 साल बाद आया है. मान्यता है कि 12 पूर्ण कुंभ के बाद यानी हर 144 साल पर एक महाकुंभ आता है. महाकुंभ का आयोजन सिर्फ प्रयाग में ही होता है. हर 12 साल में लगने वाले कुंभ मेले को पूर्ण कुंभ कहते है. अर्धकुंभ हर 6 साल में होता है. अर्ध कुंभ सिर्फ प्रयागराज और हरिद्वार में ही लगता है. पौष पूर्णिमा अमृत स्नान के साथ ही इस तीर्थराज प्रयाग में महाकुंभ का शुभारंभ हो गया है. संगम तट पर श्रद्धालुओं ने पवित्र मां गंगा में डुबकी लगाकर आस्था की डुबकी लगाई है.