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Yograj Singh Interview: धोनी की तारीफ, कपिल देव को गोली मारने की बात… युवराज सिंह के पिता योगराज का आखिर दर्द क्या है!

युवराज सिंह का शुमार टीम इंडिया के महानतम ऑलराउंडर्स में किया जाता है. युवी 2007 के टी20 वर्ल्ड कप और वनडे वर्ल्ड कप (2011) में विजेता बनी भारतीय टीम का पार्ट थे. 2007 के टी20 वर्ल्ड कप में तो युवराज सिंह ने इंग्लिश गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड के ओवर में छह छक्के जड़े थे. जबकि 2011 वनडे वर्ल्ड कप में युवराज को ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ भी चुना गया था. युवराज ने 2011 के वनडे वर्ल्ड कप में 15 विकेट लेने के साथ ही 362 रन भी बनाए थे. युवराज ने जून 2019 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था.

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सुर्खियों में युवराज के पिता योगराज….

युवराज सिंह तो रिटायरमेंट के बाद उतने लाइमलाइट में नहीं रहते हैं. लेकिन उनके पिता योगराज सिंह अपने बयानों के चलते उनसे ज्यादा सुर्खियां बटोर रहे हैं. योगराज ने एक हालिया इंटरव्यू में ऐसी बातें कीं, जो हैरान करने वाली हैं. योगराज ने दावा किया कि वो एक बार पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव को गोली मारना चाहते थे क्योंकि उनकी वजह से वो टीम से बाहर हुए.

वहीं योगराज सिंह ने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की भी तारीफ की. ये वही योगराज हैं जो लगातार महेंद्र सिंह धोनी पर तंज कसते रहे थे. योगराज ने कुछ समय पहले ही एक इंटरव्यू में कहा था कि धोनी ने उनके बेटे के साथ जो कुछ किया, उसके लिए वो धोनी को कभी माफ नहीं करेंगे. अब योगराज का धोनी की तारीफ करना भी किसी आश्चर्य से कम नहीं है.

योगराज ने अनफिल्टर्ड बाय समदिश पर कहा, ‘जब कपिल देव भारत, नॉर्थ जोन और हरियाणा के कप्तान बने तो उन्होंने बिना किसी कारण मुझे टीम बाहर कर दिया. ‘मेरी पत्नी (युवराज की माँ) चाहती थी कि मैं कपिल से सवाल पूछूं. मैंने कहा कि इस आदमी को सबक सिखाऊंगा. मैंने अपनी पिस्तौल निकाली और सेक्टर 9 में कपिल के घर गया. वह (कपिल देव) मां के साथ बाहर आए. मैंने एक दर्जन गालियां दी. उससे कहा कि तुम्हारी वजह से मैंने एक दोस्त खो दिया. तुमने जो किया है, उसकी कीमत तुम्हें चुकानी पड़ेगी.’

योगराज ने कहा, ‘मैंने उससे (कपिल देव) कहा कि मैं तुम्हारे सिर में गोली मारना चाहता हूं, लेकिन मैं ऐसा नहीं कर पाऊंगा क्योंकि तुम्हारी एक बहुत ही पवित्र मां है, जो यहां खड़ी हैं. ‘फिर मैंने शबनम से कहा कि चलो यहां से चलते हैं. यही वो पल था जब मैंने तय किया कि मैं क्रिकेट नहीं खेलूंगा, युवी (युवराज सिंह) खेलेगा.’

योगराज सिंह ने धोनी को लेकर कहा, ‘मुझे धोनी बहुत प्रेरणादायी कप्तान लगते हैं, जो खिलाड़ियों को बता सकते हैं कि क्या करना है. धोनी के बारे में सबसे अच्छी बात यह थी कि वह विकेट को पढ़कर गेंदबाजों को बता सकते थे कि कहां गेंदबाजी करनी है. मुझे उनके बारे में जो बात पसंद आई, वह यह थी कि वह निडर थे. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक बार मिचेल जॉनसन की गेंद उनके हेलमेट के ग्रिल पर लगी, लेकिन वह बिल्कुल भी नहीं हिले. वहीं खड़े रहे और अगली गेंद पर छक्का जड़ दिया. ऐसे लोग काफी कम होते हैं.’

‘युवराज कैंसर से मर भी जाते गर्व होता’

योगराज सिंह ने ये भी कहा कि यदि उनके बेटे युवराज वनडे वर्ल्ड कप (2011) के दौरान मर भी जाते तो उन्हें गर्व होता. युवराज को उस वर्ल्ड कप के दौरान कैंसर था, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने यादगार प्रदर्शन करते हुए भारत को 28 साल बाद वर्ल्ड चैम्पियन बनाने में अहम भूमिका निभाई. योगराज कहते हैं, ‘देश के लिए, अगर युवराज सिंह कैंसर से मर जाते तो पिता के तौर पर मुझे प्राउड फील होता. मुझे आज भी उस पर बहुत गर्व है. मैंने उस फोन पर भी यह बात बताई है. मैं चाहता था कि जब वह खून की उल्टियां कर रहे थे, तब भी वह खेले. मैंने उससे कहा कि चिंता मत करो, तुम नहीं मरोगे. भारत के लिए यह विश्व कप जीतो.’

महिलाओं और हिंदी भाषा पर की विवादित टिप्पणी

योगराज सिंह ने इंटरव्यू के दौरान महिलाओं के बारे में विवादित टिप्पणी की. योगराज ने कहा कि यदि आप महिलाओं को सत्ता देंगे तो वह आपका घर बर्बाद कर देंगी. योगराज ने हिंदी भाषा को लेकर भी ऐसी बात कही जिससे बवाल मचा हुआ है. योगराज ने हिंदी को महिलाओं की भाषा बताया है. योगराज का ऐसा बयान केवल निंदनीय ही नहीं, बल्कि उन करोड़ों लोगों का अपमान भी है जो इस भाषा को बोलते और समझते हैं.

योगराज सिंह ऐसे बयान क्यों दे रहे हैं?

योगराज सिंह जैसे बयान दे रहे हैं वो शायद एक क्रिकेटर को शोभा नहीं देता. योगराज शायद अपने मन की खुन्नस निकाल रहे हैं. या उन्हें कोई और दिक्कत है. युवराज सिंह ने एक इंटरव्यू में तो यहां तक कहा था कि उनके पिता को मानसिक समस्या हैं, भले वो इसे स्वीकार ना करें. 4 नवंबर 2023 को जारी किए गए एक पॉडकास्ट में युवराज ने कहा था, ‘मुझे लगता है कि मेरे पिता को कोई मानसिक समस्या है, लेकिन वो इसे स्वीकार नहीं करेंगे.’

योगराज सिंह को शायद इस बात का भी मलाल हो कि वो भारत के लिए उतना अच्छा नहीं कर सके. 66 साल के योगराज ने भारतीय टीम के ल‍िए 1 टेस्ट और 6 वनडे मैच खेले. उन्होंने टेस्ट डेब्यू 21 फरवरी 1981 को न्यूजीलैंड के ख‍िलाफ किया. जो उनका एकमात्र टेस्ट रहा. वहीं योगराज ने अपना पहला वनडे 21 दिसंबर 1980 को ब्रिस्बेन में न्यूजीलैंड के ख‍िलाफ खेला. यहां उन्होंने 2 विकेट लिए. योगराज ने भारत के लिए कुल 6 वनडे मैच खेले, जहां उनके नाम 4 विकेट हैं. इसके अलावा उन्होंने 30 फर्स्ट क्लास मैचों में 398 रन बनाए और 66 विकेट लिए. वहीं 13 ल‍िस्ट-ए मुकाबलों में उनके नाम 39 रन और 14 व‍िकेट दर्ज हैं.

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