महाकुंभ 2025 के पहले दिन सुबह-सुबह भारी भीड़ के कारण अपने परिवारों से बिछड़ गए 250 से अधिक लोगों को मेला प्रशासन ने फिर से उनके परिवारों से मिलवा दिया. प्रयागराज में महाकुंभ मेले के उद्घाटन के दिन पौष पूर्णिमा स्नान उत्सव मनाया गया, जिसके दौरान लाखों श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान के लिए जुटे. महाकुंभ का समापन 26 फरवरी को होगा.
लोगों का पता लगाने के लिए कई तरह के उपाय
भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘भुला-भटक’ शिविर, पुलिस सहायता केंद्र और मेले के लिए विशेष रूप से निर्मित वॉचटावर पर कर्मियों की तैनाती की है. इसके अलावा भी कई उपाय किए गए हैं. इन शिविरों में खोई हुई महिलाओं और बच्चों के लिए समर्पित सेक्शन हैं, साथ ही डिजिटल गैजेट्स और सोशल मीडिया हेल्प से लैस ‘खोया-पाया’ (खोया और पाया) केंद्र भी हैं.
घाटों के किनारे लगे लाउडस्पीकर
घाटों के किनारे लगे लाउडस्पीकर लगातार लापता लोगों के नाम की घोषणा कर रहे हैं, जिससे लोगों से जल्दी से जल्दी मिलन हो रहा है, जबकि पुलिस और नागरिक सुरक्षा कर्मी सक्रिय रूप से तीर्थयात्रियों की सहायता कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश नागरिक सुरक्षा के वार्डन नितेश कुमार द्विवेदी ने इस बारे में जानकारी दी
द्विवेदी ने शुरुआती अनुमान से कहीं ज्यादा भीड़ को संभालने की चुनौती को स्वीकार किया. उन्होंने कहा, ‘विभाग और मेला अधिकारियों की देखरेख में सैकड़ों परिवारों को फिर से मिलाया गया है. पहले डेढ़ घंटे में ही हमारी नागरिक सुरक्षा टीमें लगभग 200 से 250 लोगों को उनके परिवारों से मिलाने में कामयाब रहीं.
कई तीर्थयात्रियों ने सुनाई आपबीती
दिल्ली से आए तीर्थयात्री अजय गोयल ने बिछड़ने के अपने अनुभव को साझा किया. उन्होंने कहा कि अनाउंसमेंट से बहुत फर्क पड़ा है. गोयल ने कहा, ‘अलग होने से ठीक पहले हमने मजाक में कहा था कि पुरानी बॉलीवुड फिल्मों में कुंभ मेले में ऐसा अक्सर होता है. सौभाग्य से, हम उसी मेले में फिर से मिल गए.’
हालांकि, सभी की किस्मत एक जैसी नहीं थी. संगम में डुबकी लगाने के लिए 13 परिवार के सदस्यों के साथ पहुंची सुजाता झा ने अपनी दुर्दशा बताई. उन्होंने कहा, ‘दो से तीन घंटे हो गए हैं और मुझे अभी भी मेरा परिवार नहीं मिला है. मेरा नाम कई बार घोषित किया गया है, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है. ‘मेरा सामान, फोन और कपड़े उनके पास हैं. मैं अपने गीले कपड़ों में यहां इंतजार कर रही हूं.’
शाहजहांपुर जिले के निगोही की एक बुजुर्ग महिला ओमवती ने भी ऐसी ही कहानी शेयर की. ‘मैं दो अन्य लोगों के साथ आई थी, लेकिन वे मुझसे अलग हो गए. अब मैं बिल्कुल अकेली हूं.’
अजय गोयल ने कहा, ‘घोषणाएं और खोया-पाया केंद्र एक बेहतरीन सिस्टम है. अधिकारियों की ओर से इतना फ़ास्ट एक्शन देखना बहुत अच्छा है.’
यूपी सरकार के अनुमान के अनुसार, 12 साल बाद आयोजित होने वाले महाकुंभ मेले में 26 फरवरी तक 40 से 45 करोड़ आगंतुकों के आने की उम्मीद है.