प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) आज यानी बुधवार को महाराष्ट्र के दौरे पर हैं. वे सूबे के मुंबई शहर पहुंचे हैं. यहां पहुंचने पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इसके बाद पीएम मोदी ने मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में नौसेना के तीन अग्रणी लड़ाकू जहाजों INS सूरत, INS नीलगिरी और INS वाघशीर को जलावतरण के बाद राष्ट्र को समर्पित किया. तीन प्रमुख नौसैनिक लड़ाकू जहाजों का शामिल होना रक्षा विनिर्माण और समुद्री सुरक्षा में वैश्विक नेता बनने के भारत के सपने को साकार करने की ओर में एक बड़ी छलांग है.
महाराष्ट्र की अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी एक अन्य समारोह में नवी मुंबई के खारघर में इस्कॉन मंदिर का उद्घाटन करेंगे.
‘ये पहली बार हो रहा है…’
लड़ाकू जहाजों को राष्ट्र को समर्पित करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आज भारत की समुद्री विरासत नेवी के गौरवशाली इतिहास और आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए भी बहुत बड़ा दिन है. छत्रपति शिवाजी महाराज ने नौसेना को नया सामर्थ्य और विजन दिया था. आज उनकी इस पावन धरती पर 21वीं सदी की नेवी को सशक्त करने की तरफ हम एक बड़ा कदम उठा रहे हैं.”
उन्होंने आगे कहा कि ये पहली बार हो रहा है, जब एक डिस्ट्रॉयर, एक फ्रिगेट और एक सबमरीन को एक साथ कमीशन किया जा रहा है. गर्व की बात कि ये तीनों मेड इन इंडिया हैं.
आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं जहाज
पी15बी गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर प्रोजेक्ट का चौथा और आखिरी जहाज INS सूरत दुनिया के सबसे बड़े और सबसे आधुनिक विध्वंसक जहाजों में से एक है. बयान में कहा गया है कि इसमें 75 फीसदी स्वदेशी कंटेंट है और यह अत्याधुनिक हथियार-सेंसर पैकेज और एडवांस नेटवर्क-केंद्रित क्षमताओं से लैस है.
पी17ए स्टील्थ फ्रिगेट प्रोजेक्ट का पहला जहाज INS नीलगिरि इंडियन नेवी के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है और इसमें एडवांस फेसिलिटीज हैं. पी75 स्कॉर्पीन प्रोजेक्ट की छठी और अंतिम पनडुब्बी INS वाघशीर, पनडुब्बी निर्माण में भारत की बढ़ती विशेषज्ञता का प्रतिनिधित्व करती है और इसे फ्रांस के नौसेना समूह के सहयोग से बनाया गया है.
बयान में यह भी कहा गया है कि भारत की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी इस्कॉन प्रोजेक्ट, श्री श्री राधा मदनमोहनजी मंदिर का उद्घाटन करेंगे.
नौ एकड़ में फैले इस प्रोजेक्ट में कई देवी-देवताओं वाला एक मंदिर, एक वैदिक शिक्षा केंद्र, प्रस्तावित संग्रहालय और सभागार तथा एक चिकित्सा केंद्र आदि शामिल हैं. इसमें कहा गया है कि इसका उद्देश्य वैदिक शिक्षाओं के जरिए भाईचारे, शांति और सद्भाव को बढ़ावा देना है.
जम्मू-कश्मीर में किया Z-Morh टनल का उद्घाटन
एक दिन पहले पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में Z-Morh टनल का उद्घाटन किया था. जम्मू-कश्मीर की जनता को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, ‘आज मैं एक बड़ी सौगात लेकर आपके एक सेवक के रूप में आपके बीच आया हूं. कुछ दिन पहले मुझे जम्मू में आपके अपने रेल डिवीजन का शिलान्यास करने का अवसर मिला था.’
उन्होंने कहा, ‘ये आपकी बहुत पुरानी डिमांड थी. आज मुझे सोनमर्ग टनल देश को और आपको सौंपने का मौका मिला है. यानी जम्मू-कश्मीर की, लद्दाख की एक और बहुत पुरानी डिमांड आज पूरी हुई है.’