दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी और संयोजक अरविंद केजरीवाल और पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुसीबतें बढ़तीं दिखाई दे रही हैं. गृह मंत्रालय ने केजरीवाल और सिसोदिया पर मुकदमा चलाने की परमिशन दे दी है. शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी को परमिशन दी गई है. ईडी ने शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल को मास्टरमाइंड और किंगपिन बताया था.
पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश दिया था और कहा था कि पब्लिक सर्वेंट के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अथॉरिटी से परमिशन लेनी होगी. ईडी ने शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल को मास्टरमाइंड बताया था. ईडी पहले ही अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चार्जशीट भी पेश कर चुकी है.
अरविंद केजरीवाल चार्जशीट के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट गए थे और उन्होंने कहा था कि चार्जशीट के संज्ञान लेने पर रोक लगाई जाए. ईडी ने 21 मार्च को दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था और मई में उनके, पार्टी और अन्य के खिलाफ चार्जशीट पेश की थी.
चुनाव पर पड़ेगा असर
दिल्ली का शराब घोटाला इस चुनाव में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है. बीजेपी और कांग्रेस इसी मामले पर आप को घेरने की कोशिश करती है. ऐसे में केस के आदेश मिलने से आप और केजरीवाल दोनों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इसके साथ ही इसका सीधे तौर पर असर चुनाव में भी देखते को मिल सकता है.
दिल्ली का कथित शराब घोटाला क्या है?
कोरोना के दौरान नवंबर 2021 में दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति शुरू की थी. इस नीति के तहत दिल्ली में शराब का ठेका प्राइवेट कंपनियों को देने की बात कही गई. जुलाई 2022 में इस नीति को लेकर बवाल मचा, जिसके बाद एलजी वीके सक्सेना ने सीबीआई को जांच सौंपी.
सीबीआई ने इस केस में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत एफआईआर की. इस एफआईआर के बाद इसमें ईडी की एंट्री हुई. ईडी के मुताबिक यह शराब घोटाला 100 करोड़ से ज्यादा की है. शराब पॉलिसी बदलवाने के एवज में आप की सरकार ने साउथ कंपनियों से पैसे लिए. वहीं आप का कहना है कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से हुई और फाइल पर आखिरी मुहर तत्कालीन उपराज्यपाल अनिल वैजल ने लगाई थी.