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सुल्तानपुर: आरटीई के तहत बड़ी संख्या में बच्चों का फॉर्म निरस्त किए जाने पर कांग्रेसियों ने दिया धरना

सुल्तानपुर: शिक्षा का अधिकार अधिनियम आरटीई 2009 के अंतर्गत अलाभित एवं दुर्बल वर्ग के बच्चों के प्रवेश के प्रथम चरण में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सुल्तानपुर द्वारा शासनादेश की गलत तरीके से व्याख्या कर बड़ी संख्या में छात्रों का सत्यापन के नाम पर फार्म निरस्त किए जाने से आक्रोशित कांग्रेसियों ने पूर्व प्रदेश सचिव रणजीत सिंह सलूजा के नेतृत्व में जिले के तिकोनिया पार्क में एकदिवसीय धरना दिया.

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कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव रणजीत सिंह सलूजा का कहना है कि, जनपद में आरटीई के तहत 730 बच्चों ने ऑनलाइन आवेदन किया था. जांच के नाम पर शासनादेश की गलत व्याख्या करते करते हुए सत्यापन के नाम पर 412 बच्चों का फॉर्म निरस्त करते हुए शासन की मंशा की विपरीत सुल्तानपुर का बेसिक शिक्षा महकमा कार्य कर रहा है. शासनादेश के तहत कमजोर एवं दुर्बल वर्ग के बच्चों के आवेदन करने की पात्रता “आसपास” के विद्यालय की होती है लेकिन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सुल्तानपुर “आसपास” की व्याख्या बच्चों के वार्ड एवं ग्राम सभा तक को ही मानते हैं जबकि कई वार्ड एवं ग्राम सभाएं ऐसी हैं जहां पर जहां कोई भी विद्यालय नहीं है, ऐसे में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा शासनादेश की गलत व्याख्या की वजह से हजारों दुर्बल आय वर्ग के छात्र योजना का लाभ लेने से वंचित हो गए.

सलूजा का यह भी कहना है कि, सरकार ने जिस मकसद से गरीबों को लाभ देने के लिए यह योजना लाई थी, वही गरीब बच्चे ही इस योजना से के लाभ से वंचित किया जा रहे हैं, इस संबंध में रणजीत सिंह सलूजा ने बताया कि, 9 जनवरी 2025 को मुख्य विकास अधिकारी जनपद सुल्तानपुर को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के द्वारा शासनादेश की गलत तरीके से व्याख्या करने की वजह से सैकड़ो छात्रों का सत्यापन के नाम पर फार्म निरस्त किए जाने के बारे में अवगत कराया जा चुका है. पूर्व प्रदेश कांग्रेस सचिव ने बताया कि, यदि जिला प्रशासन द्वारा गरीब एवं दुर्बल आय के बच्चों के हित में तत्काल प्रभावी कार्रवाई न की गई तो कांग्रेसी इस मुद्दे को लेकर सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे जिनका संपूर्ण उत्तरदायित्व जिला प्रशासन पर होगा.

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