भारतीय टीम के लचर प्रदर्शन के बाद बीसीसीआई एक्शन मोड में है. हार से उबारकर टीम को फिर से पटरी पर लाने के लिए उसने सख्त कदम उठाए हैं. हाल ही में बोर्ड ने चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर, हेड कोच गौतम गंभीर और कप्तान रोहित शर्मा के साथ एक मीटिंग की थी. इस दौरान कई मुद्दों पर बातचीत हुई थी. अब बोर्ड ने खिलाड़ियों लिए 10 सख्त नियम लागू कर दिए हैं. साथ ही सीधे शब्दों में कह दिया है कि अगर कोई भी उसके दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करता है तो उसे कड़ी सजा के लिए तैयार रहना होगा.
भुगतनी पड़ सकती है ये सजा
बीसीसीआई की नई गाइडलाइन में 10 तरह के दिशा-निर्देश दिए गए हैं. अगर कोई भी खिलाड़ी इनका पालन नहीं करता है और अनुशासन तोड़ता है तो उसके परिणाम बहुत बुरे हो सकते हैं. खिलाड़ी का करियर बर्बाद तक हो सकता है. अगर ऐसा नहीं भी होता है तो उसके 2 से 3 साल बर्बाद होने तो तय माने जा रहे हैं. इसका हालिया उदाहरण ईशान किशन और श्रेयस अय्यर हैं. दोनों का कॉन्ट्रैक्ट छीन लिया गया था. वहीं किशन करीब 14 महीनों से टीम से बाहर हैं. वहीं अय्यर की भी कई महीनों के बाद टीम में वापसी हुई थी.
बोर्ड ने कहा है कि अगर कोई खिलाड़ी बात नहीं मानता है तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए वह आजाद रहेगा. इसके तहत भारतीय बोर्ड ने निलंबित किए जाने जैसे प्रावधान रखे हैं. सजा के तौर पर खिलाड़ियों की मैच फीस या कॉन्ट्रेक्ट फीस काटी जा सकती है. इसके अलावा उसका कॉन्ट्रैक्ट भी रद्द किया जा सकता है. वहीं बीसीसीआई को लगा कि खिलाड़ी ने बहुत बड़ी गलती की है तो वह आईपीएल समेत दूसरे किसी भी टूर्नामेंट में हिस्सा लेने पर भी रोक लगा सकती है. जाहिर है अगर ऐसा होगा तो टीम में चयन होना मुश्किल हो जाएगा. वापसी हुई भी तो इसमें काफी वक्त लग सकता है.
ये हैं नए नियम
भारतीय क्रिकेट बोर्ड के नए नियमों के तहत टीम में सेलेक्शन के लिए हर खिलाड़ी के लिए घरेलू क्रिकेट खेलना अनिवार्य होगा. किसी अपवाद की स्थिति में ही उसे इससे छूट दी जाएगी और इसके लिए उन्हें वैध कारण भी बताना होगा. इसके अलावा मैच से लेकर प्रैक्टिस सेशन तक हर वक्त सभी खिलाड़ियों को एक साथ ट्रेवल करना अनिवार्य कर दिया गया है. सीरीज के दौरान सामान पर भी लिमिट तय कर दी गई है. वहीं सीरीज के दौरान पर्सनल स्टाफ ले जाने और ऐड शूट करने भी रोक लगा दी गई है. बोर्ड ने परिवार को लेकर भी नियम बनाएं हैं.