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दौलत कमाने में तेजी से बढ़ रहा चीन…जीडीपी ग्रोथ 5%, लेकिन आबादी बढ़ाने में निकल रहा दम

भारत का पड़ोली मुल्क चीन दौलत कमाने में तो तेजी से आगे बढ़ रहा है लेकिन आबादी बढ़ाने में वह लगातार पीछे हो रहा है. चीन की जनसंख्या में लगातार तीसरे साल गिरावट दर्ज की गई है. यह गिरावट जिनपिंग सरकार के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है. पिछले साल चीन का जीडीपी ग्रोथ 5 फीसदी रहा लेकिन इस साल इसमें कमी आ सकती है. इसकी एक वजह घटती आबादी भी हो सकती है.

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घटती जनसंख्या चीन की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा जोखिम हो सकता है. राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल चीन में कुल लोगों की संख्या 1.39 मिलियन से अधिक घटकर 1.40 बिलियन हो गई. हालांकि, जन्म दर में थोड़ी वृद्धि हुई है. पिछले साल चीन में 95.4 लाख बच्चे पैदा हुए. 2023 में 90 लाख बच्चे पैदा हुए थे. घटती जनसंख्या और इससे बूढ़ी होती आबादी एक वैश्विक समस्या बनती जा रही है.

घटती आबादी कई देशों की समस्या

खासकर पूर्वी एशियाई देशों में यह समस्या ज्यादा गंभीर है. चीन के अलावा जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग जैसे देशों में भी जन्मदर में भारी गिरावट देखी गई है. बीते तीन साल से चीन भी जापान और पूर्वी यूरोप के देशों की तरह घटती आबादी वाले देशों में शामिल हो गया है. ऐसा अनुमान है कि आने वाले दशकों में चीन में जनसंख्या घटने की रफ्तार और ज्यादा तेज हो जाएगी.

साल 2035 तक चीन की जनसंख्या घटकर 1.36 बिलियन रह जाएगी. वहीं अगले 75 साल में यानी 2100 तक अपने वर्तमान आकार से घटकर आधा रह जाएगा. चीन में घटती आबादी की कई वजहें हैं. महंगाई और रोजगार युवा शादी करने और बच्चे पैदा करने से कतरा रहे हैं.

बच्चों के जन्म की दर में कमी से आबादी का संतुलन बिगड़ रहा है. काम करने वाले लोगों की कमी हो रही है. यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए चिंता है. चीन में लंबे समय तक लागू रही एक बच्चे की नीति भी घटती जनसंख्या की वजह है.

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