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8वें वेतन आयोग से केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा लाभ, दिल्ली के इन इलाकों में सरकारी कॉलोनियां, क्या चुनाव पर होगा असर?

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने दिल्ली में जारी विधानसभा चुनाव प्रचार के बीच आठवें वेतन आयोग के गठन किए जाने को लेकर बड़ा दांव चल दिया है. सियासी हलकों में दावा किया जा रहा है कि ये फैसला विधानसभा चुनाव में अहम भूमिका अदा कर सकती है और सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) को फायदा हो सकता है. दिल्ली में बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी लोग रहते हैं.

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राष्ट्रीय राजधानी में गृह, रेल, रक्षा, पर्यटन और वित्त मंत्रालय समेत सभी प्रमुख मंत्रालयों का मुख्यालय है. इसके अलावा दिल्ली में नई दिल्ली नगर निगम (NDMC), दिल्ली पुलिस, दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA), और डिफेंस के साथ ही लॉ एंड ऑर्डर सहित कई ऐसे विभाग हैं, जो केंद्र सरकार के ही अंतर्गत आते हैं. इस बार चुनाव में फिर बीजेपी और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच कड़ा मुकाबला है. AAP जीत की हैट्रिक लगाने को बेताब है.

4 लाख कर्मचारियों को होगा फायदा

आठवें वेतन आयोग के गठन से देशभर में 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स को सीधे तौर पर फायदा होगा. इसमें राजधानी दिल्ली में रहने वाले करीब 4 लाख सरकारी कर्मचारी (परिवारों सहित करीब 10 लाख लोग) भी लाभान्वित होंगे.

सातवें वेतन आयोग का गठन साल 2014 में किया गया था और इसकी सिफारिशें एक जनवरी, 2016 से लागू कर दी गई थीं. इसकी अवधि अगले साल 2026 में खत्म हो रही है. इस साल 2025 में नए वेतन आयोग के गठन की प्रक्रिया शुरू हो जाने की उम्मीद है और माना जा रहा है कि सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल पूरा होने से पहले आठवें आयोग की सिफारिशें आ जाएंगी और उसे लागू किया जा सकेगा.

दिल्ली में कई जगह सरकारी कॉलोनी

दिल्ली में कई जगहों पर सरकारी कॉलोनी हैं, जहां पर बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी रहते हैं. इसमें आरके पुरम, नेताजी नगर, मिंटो रोड, रानी लक्ष्मी बाई रोड, सरोजनी नगर, पहाड़गंज, मालवीय नगर, गुलाबी बाग (नॉर्थ कैंपस), सिरी फोर्ट रोड, मंडी हाउस, एंड्रूयज गंज, पुष्प विहार और मयूर विहार फेस वन समेत कई क्षेत्र हैं जहां पर कई सरकारी कॉलोनियां हैं जहां हजारों की संख्या में लोग रहते हैं.

साउथ दिल्ली जिले में कई इलाके हैं जहां पर कई बड़ी सरकारी कॉलोनियां हैं. इसमें पॉश नेताजी नगर, एंड्रूयज गंज, पुष्प विहार, रानीलक्ष्मी बाई रोड, मिंटो रोड और मालवीय नगर जैसी कई कॉलोनियां आती हैं. इसके अतिरिक्त नई दिल्ली, पहाड़गंज, मालवीय नगर और आरके पुरम ऐसे क्षेत्र हैं जो नई दिल्ली जिले में पड़ती हैं और यहां पर भी सरकारी कर्मचारियों के लिए कई कॉलोनियां हैं.

पहाड़गंज में रेलवे कर्मचारी

नॉर्थ दिल्ली में तिमारपुर क्षेत्र और लोधी रोड स्थित लोधी कॉलोनी में भी काफी सरकारी कर्मचारी रहते हैं. पहाड़गंज क्षेत्र में रेलवे मंत्रालय के लोग रहते हैं. जबकि मालवीय नगर में एसबीआई के लोग रहते हैं. मंडी हाउस में भी कई सरकारी ऑफिस हैं और यहां पर बड़ी संख्या में लोग रहते हैं.

नई दिल्ली, दिल्ली कैंट, पहाड़गंज, पटेल नगर और आरके पुरम ये खुद विधानसभा सीटें भी हैं और राजधानी के सबसे हाई प्रोफाइल क्षेत्र नई दिल्ली जिले में आती हैं. इसके अलावा लुटियंस जोन यानी सेंट्रल दिल्ली के डिज एरिया (DIZ Area) में कई सरकारी कॉलोनियां हैं. इसमें नौरोजी नगर, कस्तूरबा नगर, श्रीनिवासपुरी, मोहम्मदपुर और त्यागराज नगर भी शामिल है. ईस्ट दिल्ली क्षेत्र में स्थित मयूर विहार फेस वन में सरकरी लोगों की कई सोसाइटी हैं.

दिल्ली चुनाव में कितना पड़ेगा असर

रिपोर्ट्स के अनुसार, नए आठवें वेतन आयोग के आने के बाद न्यूनतम बेसिक सैलरी बढ़कर 34,650 रुपये हो सकती है. जबकि सातवें वेतन आयोग के तहत यह सैलरी 18,000 रुपए है. जबकि पेंशन 9,000 रुपये से बढ़कर 17,280 रुपये तक हो सकती है.

दिल्ली में विधानसभा चुनाव और केंद्र सरकार के आठवें वेतन आयोग के गठन की मंजूरी से चुनावी अभियान में बड़ा बदलाव आ सकता है. केंद्र में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी की ओर से वोटर्स के बीच इसे मुद्दा बनाया जा सकता है. हालांकि सरकारी कर्मचारी और पेंशनधारी लोग राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हर जगह रहते हैं, ऐसे में दिल्ली में चुनाव में वह किसी सीट पर निर्णायक असर भले ही न डाल सके हों, लेकिन पूरे विधानसभा चुनाव केंद्र के इस दांव का असर दिख सकता है. सभी को 8 फरवरी का इंतजार रहेगा क्योंकि इसी दिन मतों की गिनती का जानी है.

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