सैफ अली खान के हमलावर की गिरफ्तारी 72 घंटे बाद हुई है. मुंबई पुलिस और क्राइम ब्रांच की करीब 35 टीमें हमलावर की गिरफ्तारी के लिए जुटी हुई थीं. इस टीम में 100 से ज्यादा अधिकारी शामिल थे. 15 से ज्यादा शहरों में हमलावर की तलाश की गई. आखिर में आरोपी को ठाणे से गिरफ्तार किया गया. ऐसे में आइए जानते हैं कि कैसे पुलिस की गिरफ्त में आया सैफ का हमलावर मोहम्मद शरीफुल इस्लाम?
इन 7 प्वाइंट में जानें कैसे पकड़ा गया हमलावर?
- मुंबई शहर, मुंबई उपनगर, ठाणे, पालघर, वसई, विरार, मीरा भायंदर, नवी मुंबई, रायगढ़, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश सहित कई शहरों की पुलिस भी सीसीटीवी में कैद हुए फोटो के आधार पर अपने-अपने इलाको में इस आरोपी को पकड़ने की कवायद में जुटी थी.
- मुंमई पुलिस के पुलिस कमिश्नर विवेक फंसलगिकर, स्पेशल सीपी देवेन भारती, ज्वाइंट सीपी लॉ एंड आर्डर सत्यनारायण चौधरी और ज्वाइंट सीपी क्राइम के निगरानी में मुंबई पुलिस की 35 टीमें शहर का चप्पा चप्पा छान मार रही थी.
- मुंबई पुलिस ने इस आरोपी हमलावर की तरह दिखने वाले कुल 6 संदिग्धों को हिरासत में लेकर घंटों तक पूछताछ की.
- बांद्रा रेलवे स्टेशन, दादर रेलवे स्टेशन की रेलवे पुलिस भी इस आरोपी की तलाश में दिनरात एक कर दी थी. आरोपी हमलावर विजय दास उर्फ मोहम्मद आलियान खार में सैफ अली खान के घर में हमला करने के बाद पहले बांद्रा रेलवे स्टेशन और वहां से दादर गया.
- दादर में इसने एक हेड फोन खरीदा और वहां से ठाणे भाग गया. ठाणे के मैंग्रोव के जंगल में हीरानंदानी इलाके में वो मजदूरों की एक अस्थायी बस्ती में छिपकर बैठ गया था.
- इस बस्ती के अन्य मजदूरों को इसने अपना नाम विजय दास बताया था. खुद को बंगाली बताया था लेकिन इसके पास कोई दस्तावेज नहीं होने से इसे तुरंत काम नहीं मिल पाया था. आरोपी कंस्ट्रक्शन साइट पर मजदूरी करने की बात कह रहा था.
- बांद्रा पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम के संयुक्त कार्रवाई के बाद गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने उसे हिरानंदानी एस्टेट के एक कंस्ट्रक्शन साइट पर ट्रैक किया, जहां वह झाड़ियों में छिपा हुआ था.
बांग्लादेश का रहने वाला है सैफ का हमलावर
सैफ अली खान पर हमला करने वाला हमलावर बांग्लादेश का रहने वाला है. मुंबई पुलिस ने इसका खुलासा किया है. पुलिस ने बताया कि आरोपी बांग्लादेश के झलोकाठी के राजाबरीया गांव का रहने वाला है. वह 5-6 महीने पहले मुंबई आया था. वह अवैध तरीके से भारत में घुसा था. नाम छिपाने के लिए वह विजय दास बनक.