उत्तर प्रदेश के संभल में 24 नवंबर को हुई हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनमें एक पुलिस पर फायरिंग करने वाला आरोपी भी शामिल है. पुलिस ने सभी की मेडिकल जांच कराई है. इनको अदालत में पेश किया जाएगा. इस तरह अब तक 57 आरोपियों को गिरफ्तारी हो चुकी है.
संभल पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों में एक मुल्ला अफरोज शारिक साटा गैंग से जुड़ा हुआ है. ये आरोपी दुबई में बैठे शारिक साटा से लगातार संपर्क में रहता था. शारिक उत्तर प्रदेश का मोस्ट वांटेड अपराधी है. वो अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करता है.
इससे पहले पिछले महीने 24 तारीख को सात लोगों को गिरफ्तार किया गया था. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) श्रीश चंद्र ने बताया था कि गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान शोएब, सुजाउद्दीन, राहत, मोहम्मद आजम, अजहरुद्दीन, जावेद और मुस्तफा के रूप में हुई. अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है.
इस हिंसा के सिलसिले में 11 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. संभल में 19 नवंबर से तनाव बना हुआ है. स्थानीय शाही जामा मस्जिद में एक याचिका पर अदालत के आदेश के बाद सर्वेक्षण किया गया था, जिसमें दावा किया गया कि वहां हरिहर मंदिर था. 24 नवंबर को हिंसा तब भड़की जब मस्जिद का सर्वेक्षण किया जा रहा था.
इस दौरान पक्का बाग हिंदू पुरा खेड़ा में पथराव हुआ था. पुलिस की मोटरसाइकिल जला दी गई थी. पुलिस की पिस्तौल की मैगजीन और कारतूस लूट लिए गए, जिसके बाद नखासा थाने में मामला दर्ज किया गया था. इस हिंसा का मुख्य आरोपी सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क को बनाया गया था.
पुलिस का आरोप है कि सपा सांसद के भड़काऊ भाषण की वजह से ही हिंसा हुई थी. लेकिन जिया उर रहमान बर्क ने कहा था कि वो पढ़े-लिखे इंसान हैं. संभल में जब हिंसा हुई तब वो यूपी में ही नहीं थे. वो उस समय बेंगलुरु में थे. उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.