डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर आज शपथ लेने जा रहे हैं. अमेरिका में कड़ाके की ठंड की वजह से ट्रंप कैपिटल हिल के भीतर शपथ लेंगे. शपथ लेने के बाद ट्रंप व्हाइट हाउस पहुंचते ही 100 फाइलों पर साइन कर सकते हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप जिन 100 फाइलों पर अपने कार्यकाल के पहले दिन ही साइन करेंगे. उनमें से अधिकतर ऐसे चुनावी वादे हैं, जिन्हें उन्हें पूरा करने का है. ट्रंप ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वह कार्यकाल के पहले ही दिन रिकॉर्ड बनाने की योजना बना रहे हैं. वह इस दिन रिकॉर्ड संख्या में आदेश जारी करेंगे.
ट्रंप जिन फाइलों पर साइन करेंगे. वे दरअसल कार्यकारी (एग्जिक्यूटिव) आदेश होंगे. इस तरह के आदेश राष्ट्रपति एकतरफा तरीके से जारी करते हैं. इनके लिए संसद की मंजूरी की जरूरत नहीं होती. हालांकि, इन फैसलों को अदालत में चुनौती दी जा सकती है.
ट्रंप के एक सहयोगी स्टीफन मिलर ने बताया कि ये कार्यकारी आदेश मुख्य रूप से देश की दक्षिणी सीमा को सील करने, मास डिपोर्टेशन, महिलाओं की खेल प्रतिस्पर्धा में ट्रांसजेंडर्स को शामिल करने से रोकना और टैरिफ से जुड़े हो सकते हैं. इसके अलावा 6 जनवरी 2021 को अमेरिकी संसद पर हमले के दोषियों को माफ करना भी इनमें शामिल हो सकता है.
बता दें कि बाइडेन के कई फैसलों को ट्रंप पलट सकते हैं. जिनमें पेरिस क्लाइमेट एग्रीमेंट, जीवाश्म ईंधन उत्पादन पर लगे प्रतिबंधों को हटाना और तेल की ड्रीलिंग शामिल है.
क्या वाकई एक दिन के तानाशाह होंगे ट्रंप?
राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने कई मौकों पर ये बात दोहराई थी कि वह एक दिन का तानाशाह बनकर पहले ही दिन कई बड़े फैसले लेंगे. उन्होंने शपथ लेने के बाद अपने एक दिन के एजेंडे को लेकर पिछले महीने कहा था कि वह सिंपल मोटो के साथ चार साल तक शासन करना पसंद करेंगे और उनका मोटो होगा- देश की सेवा करना और इसके लिए कोई भी कदम उठाने से नहीं हिचकिचाना.
2020 के राष्ट्रपति चुनाव में बाइडेन के हाथों ट्रंप को हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन ट्रंप ने व्हाइट हाउस खाली करने से इनकार कर दिया था. साथ ही सत्ता हस्तांतरण से भी इनकार किया था. लेकिन दबाव बढ़ने के बाद ट्रंप ने अपने समर्थकों की एक रैली बुलाई थी और इस रैली में उन्होंने कैपिटल हिल यानी अमेरिकी संसद पर हमला करने के लिए उकसाया था.
ट्रंप के इस उकसावे के बाद छह जनवरी 2021 को हजारों की संख्या में ट्रंप समर्थकों ने वॉशिंगटन में कैपिटल हिल पर धावा बोल दिया था. इस घटना में कई लोग घायल हुए थे जिनमें पुलिसकर्मी भी थे. इस मामले में बड़े पैमाने पर दंगाइयों को गिरफ्तार किया था और उन पर मुकदमा चला था. अभी भी इस मामले में कई लोग जेल में बंद हैं. ऐसे में राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही वह जेल में बंद अपने इन समर्थकों को रिहा करेंगे.
इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन प्रोग्राम होगा शुरू?
डोनाल्ड ट्रंप का पूरा राजनीतिक करिअर अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे प्रवासियों को रोकने से जुड़ा है. वह अमेरिका में इमिग्रेशन के सख्त खिलाफ है. 2016 में राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने मेक्सिको और अमेरिकी की सीमा पर बकायदा एक दीवार तैयार करवाई थी ताकि मेक्सिको से बड़ी संख्या में दाखिल होने वाले लोगों को रोका जा सके.
ट्रंप ने पेंसिल्वेनिया में अपनी एक चुनावी रैली में भी कहा था कि वह राष्ट्रपति बनने के बाद इतिहास का सबसे बड़ा एंटी इमिग्रेंट प्रोग्राम शुरू करेंगे, जिसमें अवैध तरीके से अमेरिका में प्रवेश करने वालों को रोका जाएगा. साथ ही जो इमिग्रैंट अवैध तरीके से अमेरिका में रह रहे हैं, उनके डिपोर्टेशन की मुहिम शुरू की जाएगी. इसके तहत लाखों अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट किया जाएगा.
जैक स्मिथ पर गिरेगी गाज!
डोनाल्ड ट्रंप शायद अमेरिकी राजनीति के इतिहास के ऐसे पहले राष्ट्रपति होंगे, जो आपराधिक मामले में दोषी करार दिए जा चुके हैं और इसके बाद राष्ट्रपति चुने गए हैं. लेकिन जैसे ही ट्रंप आधिकारिक तौर पर व्हाइट हाउस पहुंचेंगे तो न्याय विभाग की पॉलिसी के तहत स्पेशल काउंसिल के ऑफिस को उनके खिलाफ कार्रवाई करने से रोक दिया जाएगा. ट्रंप के खिलाफ क्लासीफाइड डॉक्यूमेंट्स को अपने पास रखने और 2020 के चुनाव में गड़बड़ी करने के प्रयास के मामले चल रहे हैं. इस बात की संभावना जताई गई है कि अटॉर्नी जनरल इन आरोपों को वापस ले लेंगे.
ऐसे में ट्रंप के खिलाफ आपराधिक मामलों को दर्ज कराने वाले स्पेशल काउंसिलर जैक स्मिथ को बर्खास्त किया जाएगा. ट्रंप ने एक रैली में कहा था कि वह राष्ट्रपति बनते ही सबसे पहला काम स्मिथ को बर्खास्त करने का करेंगे. माना जा रहा है कि ट्रंप दरअसल जैक स्मिथ को हटाने का आदेश देंगे.