शेयर बाजार में इन्वेस्टमेंट की टिप्स और ऊंचे नफे का लालच देकर अहमदाबाद में रहने वाले 66 साल के बुजुर्ग से 59 लाख रुपये की धोखाधड़ी का केस सामने आया है. इस मामले में अहमदाबाद साइबर क्राइम ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
आरोपियों के ऑफिस से 37 लाख रुपये कैश बरामद
बुजुर्ग से कुल 59,06,754 रुपये की धोखाधड़ी करने वाले आरोपियों में प्रकाश परमार उर्फ पको, प्रियांक ठक्कर उर्फ बब्बू और केवल गढ़वी शामिल हैं. आरोपियों द्वारा आंबावाड़ी इलाके में सेफरोन टावर स्थित ऑफिस में बैठकर लोगोंं के साथ धोखाधड़ी की जाती थी. साइबर क्राइम ने आरोपियों के ऑफिस से 37 लाख रुपये कैश, 46 चेकबुक, 33 डेबिट और क्रेडिट कार्ड, 17 पासबुक, 12 मोबाइल, 38 सिमकार्ड, कैश काउंटिंग मशीन, स्वैप मशीन, पेमेंट स्कैनर, लैपटॉप, नोटबुक बरामद किए हैं.
अहमदाबाद साइबर क्राइम ने गिरफ्तार किए हुए तीनों आरोपियों से पूछताछ करके कुछ फरार आरोपियों की जानकारी हासिल की है. आरोपियों द्वारा बताई गई एक अन्य लोकेशन पर जांच करके 112 चेकबुक, 48 पासबुक, 12 डेबिट और क्रेडिट कार्ड, 11 सिमकार्ड, 89 अलग-अलग यूनिवर्सिटी की मार्कशीट, सर्टिफिकेट, लेटरपैड और 3 स्टाम्प बरामद किए है.
आरोपियों के खिलाफ देशभर में 550 से अधिक शिकायतें
आरोपियों के पास से पुलिस को मिले हुए बैंक अकाउंट की डिटेल्स की जांच करने पर पता चल की, आरोपियों पर देशभर में साइबर पुलिस पोर्टल पर डिजिटल अरेस्ट, शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट समेत फ्रॉड की 550 से अधिक शिकायतें दर्ज हैं.
अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच के एसीपी एचएस मांकड़िया ने कहा, व्हाट्सएप, एसएमएस, टेलीग्राम के माध्यम से आरोपियों द्वारा अधिक नफे का लालच देकर लोगों से धोखाधड़ी की जाती थी. अलग अलग राज्यों के लोगों से बैंक अकाउंट कमीशन पर लेकर धोखाधड़ी से हासिल किए रुपये ट्रांसफर करवाये जाते थे. जिसके बाद कैश रुपये निकालकर अलग-अलग लोगों को भेजकर क्रिप्टो करेंसी में कन्वर्ट कर दिए जाते थे. आरोपी प्रकाश ने अपना अकाउंट कमीशन पर दिया हुआ था. इसमें साइबर फ्रॉड और ऑनलाइन गेमिंग के पैसे जमा होते थे. प्रकाश के बैंक अकाउंट में ही बुजुर्ग के 28 लाख रुपये जमा हुए थे. प्रकाश ने प्रियांक के माध्यम से गोविंद नाम के शख़्स को 28 लाख रुपये कैश निकालकर दिए थे.
ऐसे रखते थे धोखाधड़ी का पैसा
एसीपी एचएस मांकड़िया ने कहा, आरोपी प्रियांक ठक्कर उर्फ बब्बू ने ही गोविंद से बात करके धोखाधड़ी से हासिल होने वाले पैसे बैंक में डालने के लिए प्रकाश के नाम से बैंक अकाउंट खुलवाया था. रुपये आने के बाद प्रियांक कैश अमाउंट बैंक से लेकर गोविंद को भेजता था.
केवल गढ़वी आंबावाड़ी के सेफ़रोन टावर स्थित ऑफिस से बैंक अकाउंट ऑपरेट करता था. केवल व्हाट्सएप, एसएमएस, टेलीग्राम के माध्यम से लोगों का संपर्क करके शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट पर अधिक नफे की लालच देता और लोगो से धोखाधड़ी करता था. केवल कैश को अलग-अलग लोगो को भेजकर क्रिप्टो करेंसी में कन्वर्ट करवाता था. इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार करके साइबर क्राइम ने इससे जुड़े अन्य आरोपियों की भी जांच शुरू की है.