बिहार: समस्तीपुर जिले के पूसा निवासी एआई इंजीनियर अतुल सुभाष के 4 साल का बेटा व्योम फिलहाल अपनी मां निकिता सिंघानिया के पास ही रहेगा. यह फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एससी शर्मा ने वीडियो कॉल के जरिए 4 साल के व्योम से बात की तथा बच्चे से बात करने के बाद कोर्ट ने अपना यह फैसला सुनाया.
अतुल सुभाष की मां अंजू देवी ने अपने पोते व्योम की कस्टडी के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी तथा उसी याचिका के जवाब में कोर्ट का यह फैसला सोमवार को आया है. पोते की कस्टडी मांगने वाले इस मामले की सुनवाई इससे पूर्व 7 जनवरी को भी हुई थी. जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा था कि 4 साल बच्चा व्योम फिलहाल अपनी दादी के लिए अजनबी है. जिस कारण वह अभी अपनी मां निकिता सिंघानिया के पास ही रहेगा.
मृतक अतुल सुभाष के पिता पवन मोदी ने बताया कि सोमवार यानी 20 जनवरी को पोते व्योम को कोर्ट में लाने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने इससे पूर्व पिछली तारीख को निकिता सिंघानिया के वकील को दिया था. हालांकि बच्चे को कोर्ट में नहीं लाया गया. उन्होंने बताया कि बच्चे को कोर्ट में न लाने से नाराज जज ने निकिता सिंघानिया और उनके वकील को फटकार लगाई तथा वीडियो कॉलिंग के जरिए तत्काल बच्चे से बात कराने की बात कही. बच्चे से बात करने के बाद जज ने बच्चे को मां निकिता सिंघानिया के पास ही रहने देने का फैसला सुनाया.
पवन मोदी ने बताया कि इस मामले में हुई इससे पहले की सुनवाई में निकिता सिंघानिया ने कोर्ट को यह बताया था कि व्योम हरियाणा के फरीदाबाद स्थित एक बोर्डिंग स्कूल का स्टूडेंट है और वह उसे अपने साथ बेंगलुरू ले जाना चाहती है. उन्होंने कहा कि सोमवार को कोर्ट ने यह भी कहा है कि दादी-दादी अपने पोते की कस्टडी के लिए अपने स्थानीय कोर्ट में अपील कर सकते हैं. पवन मोदी ने यह भी बताया कि निकिता सिंघानिया ने बेंगलुरु कोर्ट में भी एफआईआर खारिज कराने के लिए एक अपील की थी. जिसकी सुनवाई भी सोमवार को हुई. कोर्ट ने निकिता के अपील को खारिज कर दिया हैं. कोर्ट ने निकिता के वकील से कहा कि जब आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले की सारी डिटेल्स मौजूद है तो फिर इस मामले की जांच क्यों न कराई जाएं.