भारतीय शेयर बाजार (Share Market) में हाहाकार मचा है. महीने दर महीने गिरावट बढ़ती जा रही है. दरअसल, कोरोना काल के निवेशकों को इस तरह की गिरावट से सामना नहीं हुआ था. पिछले दो साल के दौरान शेयर बाजार में कदम रखने वाले अधिकतम रिटेल निवेशकों के पोर्टफोलियो (Portfolio) का रंग लाल हो चुका है, यानी नुकसान में जा चुके हैं. वैसे नुकसान हर निवेशक को हुआ है, चाहे वो बड़ा हो या छोटा.
ये आंकड़े बता रहे हैं कि बाजार का कितना बुरा हाल हो चुका है. अगर सेंसेक्स की बात करें तो अपने हाई से करीब 10000 अंक टूट चुका है. BSE सेंसेक्स 27 सितंबर, 2024 को ऑल टाइम हाई 85,978 अंक पर था, जो कि 22 जनवरी 2025 को 12% यानी 10,000 अंक से ज्यादा टूटकर 75,816 पर आ गया. बुधवार को कारोबार के दौरान सेंसेक्स (Sensex) ने 75,816 के लोअर स्तर को छुआ, वहीं कारोबार के अंत में सेंसेक्स 76,404.99 अंक पर बंद हुआ.
सेंसेक्स में 12 फीसदी से ज्यादा की गिरावट
अब जब इंडेक्स पिछले चार महीने में 12 फीसदी से ज्यादा टूट चुका है तो फिर पोर्टफोलियो में 40 से 50 फीसदी तक की गिरावट आम बात है, और यही गिरावट अब निवेशकों को डरा रहा है. इस गिरावट के कई कारण हैं. ओवरवैल्यूड शेयर प्राइस, विदेशी निवेशकों की बिकवाली, तिमाही दर तिमाही कंपनियों के कमजोर नतीजे और अमेरिकी में ट्रंप सरकार की वापसी.
हालांकि हमेशा बाजार की चाल एक दिशा में नहीं होती है. इसी कड़ी में बीएनपी पारिबा (BNP Paribas) सिक्योरिटीज का मानना है कि निफ्टी-50 साल 2025 के अंत तक 25,500 तक पहुंच सकता है, जो मौजूदा स्तर से 10% की संभावित बढ़त का संकेत देता है. ब्रोकरेज को लगता है कि भारत को आर्थिक तौर पर अभी बहुत आगे जाना है, जिसमें शेयर बाजार की बड़ी भूमिका होगी.
इस गिरावट के बाद अब ब्रोकरेज को फार्मा, इंश्योरेंस और मेट्लस के मुकाबले प्राइवेट बैंक, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), टेलिकॉम और कंजूमर सेक्टर से जुड़े शेयर पसंद हैं. हालांकि BNP Paribas को अभी भी कुछ शेयर्स महंगे लगते हैं.
भारतीय बाजार में गिरावट के बड़े कारण
ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि अमेरिकी बॉन्ड यील्ड बढ़ने के कारण 2025 में घरेलू इक्विटी की कमजोर शुरुआत हुई, जिस कारण डॉलर मजबूत हुआ है और उभरते बाजारों में FII की बिकवाली तेज हुई. हालांकि DII होल्डिंग्स बढ़ रही है. भारतीय बाजार में गिरावट का एक बड़ा कारण FII की बिकवाली है.
इन शेयरों में लगा सकते हैं दांव
इस बीच अब बीएनपी पारिबा सिक्योरिटीज कम से कम 18 कंपनियों के शेयरों को लेकर बुलिश है. ब्रोकरेज ने SBI लाइफ इंश्योरेंस के शेयर में 70 फीसदी तक तेजी का टारगेट प्राइस दिया है. इसके अलावा HDFC बैंक (56%), Axis बैंक (52%), एस्टर डीएम हेल्थकेयर (50%), मारुति सुजुकी (44%), बजाज फाइनेंस (40%), रिलायंस इंडस्ट्रीज (33%) तक भाग सकता है, लार्सन एंड टुब्रो (33%) और हैवेल्स के शेयर (30%) तक तेजी देखने को मिल सकती है. इसके अलावा ब्रोकरेज का महिंद्रा एंड महिंद्रा, TCS, इंफोसिस, डोम्स इंडस्ट्रीज, HUL, टाइटन, भारती एयरटेल, ICICI बैंक और मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर पर भी पॉजीटिव नजरिया है.
(नोट: शेयर बाजार में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें)