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सरकारी डॉक्टर्स ने आमरण अनशन पर बैठे डल्लेवाल की देखरेख करने से किया इनकार, किसानों पर लगाया दुर्व्यवहार का आरोप

किसानों की कई मांगों को लेकर पिछले 58 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एक विशेष मेडिकल टीम का गठन किया था. डल्लेवाल को मंगलवार की रात कई बार ग्लूकोज की ड्रिप चढ़ाई गई, जिसके कारण उनका हाथ सूज गया. इसके बाद डल्लेवाल ने अपना इलाज कराने से इनकार कर दिया और कहा कि वह ऐसा तभी करेंगे जब प्रशासन के अधिकारी किसानों से मिलने खनौरी बॉर्डर पर आएंगे.

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इस बीच डॉक्टरों की टीम ने किसानों पर अपने साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाकर जगजीत सिंह डल्लेवाल की देखरेख करने से इनकार कर दिया है. डॉक्टरों की टीम ने मेडिकल सुपरिंटेंडेंट को पत्र लिखकर शिकायत की है. उन्होंने लिखा है, ‘हम सीनियर और जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स को किसानों और मीडिया कर्मियों से लगातार उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है. इसमें जगजीत सिंह डल्लेवाल और उनके समर्थकों की ओर से हमारे साथ कई बार मौखिक दुर्व्यवहार किए जाने के कई प्रकरण भी शामिल हैं. इसलिए हम खनौरी बॉर्डर पर अपनी ड्यूटी जारी नहीं रखेंगे.’ इस पत्र पर डल्लेवाल के इलाज के लिए गठित स्पेशल मेडिकल टीम के सभी सदस्यों ने सिग्नेचर किए हैं.

सरकार संग 14 फरवरी को होगी मीटिंग

वहीं खनौरी बॉर्डर के किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के प्रमुख जगजीत सिंह डल्लेवाल के इलाज में गंभीर चूक का आरोप लगाया है. किसान नेता काका सिंह कोटरा ने डल्लेवाल के चिकित्सा सहायता लेने से मना करने के मुद्दे पर कहा कि उनके स्वास्थ्य की देखभाल के लिए अनुभवी डॉक्टर को तैनात करने के बजाय सरकार की ओर से एक ट्रेनी डॉक्टर को तैनात किया गया था. जगजीत सिंह डल्लेवाल ने 14 फरवरी को चंडीगढ़ में बैठक के लिए केंद्र सरकार की ओर से निमंत्रण मिलने के बाद, हाल ही में चिकित्सा सहायता लेनी शुरू की थी.

किसानों ने लगाया लापरवाही का आरोप

काका सिंह ने आरोप लगाया कि ट्रेनी डॉक्टर ठीक से ड्रिप भी नहीं लगा सका, जिस कारण जगजीत सिंह डल्लेवाल के दोनों हाथों से खून बहने लगा. फिर ​प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर ने उनका इलाज किया. किसान नेताओं की शिकायत के बाद सिविल सर्जन डॉ. जगपालिंदर सिंह के नेतृत्व में पटियाला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की एक टीम खनौरी बॉर्डर पहुंची थी. हालांकि, सीनियर और जूनियर डॉक्टरों की टीम ने अब किसानों पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाकर डल्लेवाल की देखरेख करने से इनकार कर दिया है.

जगजीत डल्लेवाल अपने तंबू से बाहर आए

इस बीच जगजीत सिंह डल्लेवाल बुधवार दोपहर खनौरी बॉर्डर पर अपने टेंट से बाहर आए. स्ट्रेचर पर लिटाकर डल्लेवाल को तंबू से बाहर ले आया गया. मेडिकल ट्रीटमेंट लेने के बाद उनकी सेहत में सुधार बताया जा रहा है. वह 14 फरवरी को चंडीगढ़ में केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के साथ होने वाली मीटिंग में शामिल होंगे. किसानों ने बताया कि आमरण अनशन के कारण डल्लेवाल का वजन 20 किलो कम हो गया है. उन्हें ड्रिप लगाकर ग्लूकोज चढ़ाया जा रहा है.

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