बिहार-नेपाल बॉर्डर पर चीन की सक्रियता ने चिंता बढ़ा दी है. जानकारी के मुताबिक, रक्सौल बॉर्डर से कुछ ही दूरी पर स्थित एक स्कूल में चीन के कई अधिकारी पहुंचे और स्कूल के करीब एक हजार छात्रों को साइकिल वितरित किया. वहीं इस दौरान स्कूल में चीन का राष्ट्रगान गाया गया. छात्रों को दी गई साइकिलों पर चीन का राष्ट्रीय ध्वज लगा हुआ है. जिसके बाद से चीन की इस गतिविधि को लेकर चिंता बढ़ गई है.
नेपाल में ओली सरकार के आने के बाद बिहार-नेपाल सीमा पर चीन ने अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश शुरू कर दी है. रक्सौल बॉर्डर से महज 6 किलोमीटर की दूरी पर पर्सा जिला के पिपरामठ बीरगंज महा नगरपालिका के वार्ड 14 स्थित श्री नर्सिंग सेकेंडरी स्कूल में एक कार्यक्रम में चीन द्वारा एक हजार छात्र-छात्राओं को साइकिल वितरण किया गया. इन साइकिलों पर चीन का राष्ट्रीय ध्वज लगा हुआ है. कार्यक्रम में चीनी राष्ट्रीय गान भी गाया गया. माना जा रहा है कि चीन लगातार अपने पड़ोसी देशों पर दबाव बनाने के लिए बॉर्डर पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराता रहता है.
उठ रहे कई सवाल
चाइना फाउंडेशन के इस आयोजन में चीनी दूतावास के प्रमुख सहित अन्य चीनी अधिकारी भी मौजूद रहे. साथ ही बिरगंज महानगर पालिका के उपमेयर इम्तिया आलम भी मौजूद रहे. उपमेयर की उपस्थिति में कार्यक्रम के दौरान चीनी राष्ट्रगान भी गाया गया. वहीं चीन की इस गतिविधि को लेकर अब कई सवाल उठ रहे हैं.
चीन ने बांटी साइकिलें
नेपाल मामलों के जानकार और सीमा जागरण मंच के प्रदेश अध्यक्ष महेश अग्रवाल ने बताया कि बीरगंज में चीन ने अपनी मौजूदगी दर्ज कर दी है. बिहार सहित भारत के लिए बड़ी चिंता का विषय है. जब से नेपाल ने चीन का दौरा किया है, नेपाल में चीन सरकार की गतिविधियां तेज हुई हैं. चीन ने नेपाल में रोड, एयरपोर्ट, ड्राइपोर्ट, स्कूल, अस्पताल सहित कई प्रोजेक्ट को शुरू किया है. इससे नेपाल में चीनी सरकार का प्रभाव बढ़ेगा. जो भारत के लिए सुरक्षा एवं सामरिक दृष्टिकोण से सही नहीं है.