राजस्थान के डूंगरपुर से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां समाज कल्याण विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर अशफाक खान के गर्ल्स हॉस्टल में तीन दिन तक रुकने से विवाद खड़ा हो गया. यह मामला सावित्री बाई फूले वसुंधरा विहार इलाके के गर्ल्स हॉस्टल का है, जहां एसटी वर्ग की करीब 40 छात्राएं रहती हैं.
घटना का खुलासा उस समय हुआ जब ABVP कार्यकर्ताओं को इस बारे में जानकारी मिली. कार्यकर्ताओं ने मंगलवार रात साढ़े 12 बजे हॉस्टल पहुंचकर हंगामा किया. इससे पहले उन्होंने पुलिस और जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह को मामले की सूचना दी.
गर्ल्स हॉस्टल में रहती हैं 40 लड़कियां
ABVP के राष्ट्रीय सदस्य हर्षित ननोमा ने बताया कि हॉस्टल के गेट पर वार्डन से पूछताछ के बाद कार्यकर्ता अंदर पहुंचे और असिस्टेंट डायरेक्टर अशफाक खान को कमरे में पाया. खान ने अपने आप को समाज कल्याण विभाग का अधिकारी बताते हुए निरीक्षण के लिए रुकने की बात कही.
कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने इस घटना को लेकर सख्त नाराजगी जताई और अशफाक खान को तुरंत हॉस्टल छोड़ने का आदेश दिया. साथ ही उनके खिलाफ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया.
ABVP कार्यकर्ताओं ने जमकर किया हंगामा
इस घटना पर अशफाक खान का कहना है कि वह ट्रांसफर के बाद नए कमरे की व्यवस्था न होने के कारण गर्ल्स हॉस्टल में रुके थे. हालांकि, ABVP कार्यकर्ताओं ने इस तर्क को अनुचित ठहराते हुए कार्रवाई की मांग की.
एबीवीपी सदस्य हर्षित ननोमा ने बताया कि यह गर्ल्स हॉस्टल है. राज्यपाल और सरकार का सख्त आदेश है कि किसी भी गर्ल्स हॉस्टल में कोई पुरुष अधिकारी रात के समय नहीं रह सकता है. इसके बाद भी असिस्टेंट डायरेक्टर शहर के दो छात्र हॉस्टल को छोड़कर गर्ल्स हॉस्टल में रुके हुए थे. हॉस्टल में महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती होनी चाहिए.