दुनियाभर में ब्रेस्ट कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. भारत में भी हर साल इस बीमारी के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. इस बीच वैज्ञानिकों ने एक सिंगल डोज से ब्रेस्ट कैंसर के ट्यूमर को खत्म करने का दावा किया है. इससे एक डोज से इस बीमारी के इलाज की उम्मीद जगी है. अमेरिका में अर्बाना-शैंपेन में इलिनोइस विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने ईआरएसओ-टीएफपीवाई नाम के मोलिक्यूल की एक डोज विकसित की है. इससे ट्यूमर को खत्म करने में मदद मिली है.
अध्ययन का नेतृत्व करने वाले प्रोफेसर पॉल हर्गेनरोथर ने कहा कि ब्रेस्ट कैंसर के माउस मॉडल में ट्यूमर को सिंगल डोज से खत्म किया गया है. जो ट्यूमर काफी बड़े हो गए थे उनके साइज को भी छोटा करने में मदद मिली है. फिलहाल यह रिसर्च चूहों पर की गई है. प्रोफेसर हर्गेनरोथर के मुताबिक, स्तन कैंसर के 70 प्रतिशत मरीजों को आमतौर पर सर्जरी करानी पड़ती है, जिसके बाद अलग- अलग थेरेपी से 5 से 10 साल तक उपचार किया जाता है.
लंबे समय तक हार्मोन थेरेपी लेने से शरीर में ब्लड क्लॉट, मस्कुलोस्केलेटल दर्द जैसी समस्या बढ़ जाती हैं. जिससे मरीजों को काफी परेशानी हो सकती है. अध्ययनों से पता चलता है कि ऐसी समस्याओं के कारण 20 से 30 प्रतिशत मरीज़ उपचार बंद कर देते हैं. ऐसे में ये सिंगल डोज लाभदायक हो सकती है. हालांकि अभी इसको लेकर और रिसर्च की जानी है.
चूहों में इंसानों के ट्यूमर डालकर की गई थी रिसर्च
वैज्ञानिकों के मुताबिक, सबसे पहले साल 2021 में एक मोलिक्यूल विकसित किया गया था. इसको ईआरएसओ नाम दिया गया था. ये सिंगल डोज स्तन कैंसर सेल्स को मार सकता था लेकिन इसके कई दुष्प्रभाव थे. ऐसे मेंं अगले तीन वर्षों में इसमें कुछ बदलाव किया गया और ईआरएसओ-टीएफपीवाई नाम से एक दूसरी सिंगल डोज विकसित की गई. लैब में चूहों में इंसानों के ट्यूमर को ट्रांसप्लांट किया गया और इसके बाद चूहों पर इस सिंगल डोज का ट्रायल हुआ. जिसमें पता चला कि ये डोज ट्यूमर को खत्म करता है.ईआरएसओ-टीएफपीवाई की एक खुराक ने चूहों में बढ़ रहे छोटे ट्यूमर को खत्म किया और बड़े ट्यूमर के साइज को कम किया.
इस रिसर्च से यह साफ हो गया है ये सिंगल डोज ब्रेस्ट कैंसर के ट्यूमर को खत्म कर सकती है. अगर इंसानों में भी यह सफल रहा तो इससे ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों को इस बीमारी के इलाज के लिए अलग- अलग थेरेपी लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
भारत में हर साल बढ़ रहे ब्रेस्ट कैंसर के मामले
2000 के बाद से भारत में स्तन कैंसर के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. 2021 में यह लगभग 1.25 मिलियन तक पहुंच गई, जो भारत की कुल आबादी का लगभग 1% है. देश के अलग- अलग संस्थानों के शोधकर्ताओं ने ARIMA मॉडल (ऑटोरेग्रेसिव इंटीग्रेटेड मूविंग एवरेज) का उपयोग करके यह अनुमान लगाया कि भारत में ब्रेस्ट के रोगियों की संख्या भविष्य में भी तेजी से बढ़ती रहेगी. 2021 और 2030 के बीच, स्तन कैंसर के रोगियों की संख्या में सालाना लगभग 0.05 मिलियन की रफ्तार से बढ़ सकती है.
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि खानपान की गलत आदतों और बिगड़े हुए लाइफस्टाइल के कारण ब्रेस्ट कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं. अब 25 से 30 साल की उम्र में भी महिलाएं इस कैंसर का शिकार हो रही हैं.