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अयोध्या: रामलला प्राण प्रतिष्ठा का 22 जनवरी को 1 वर्ष पूरा: अयोध्या में श्रद्धा, समृद्धि और संस्कृति का संगम

Uttar Pradesh: अयोध्या के भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को एक वर्ष पूरा हो गया है, यह एक वर्ष न केवल आध्यात्मिक उन्नयन का साक्षी बना, बल्कि आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अयोध्या की नई तस्वीर प्रस्तुत करता है, श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या, व्यापार में तेजी और पर्यटन स्थलों की नई पहचान ने रामनगरी को भव्यता के नए शिखर पर पहुंचा दिया है.

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श्रद्धालुओं की संख्या में ऐतिहासिक वृद्धि

जहां पहले प्रतिदिन मात्र चार से पांच हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए अयोध्या आते थे, अब यह संख्या बढ़कर डेढ़ से दो लाख तक पहुंच चुकी है। देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु रामलला के दर्शन के साथ-साथ अयोध्या के अन्य धार्मिक और पर्यटन स्थलों का भी भ्रमण कर रहे हैं, इस कारण शहर की रौनक और पर्यटन क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है.

अर्थव्यवस्था को नई गति

राम मंदिर निर्माण के साथ ही राज्य सरकार द्वारा पर्यटन स्थलों के सौंदर्यीकरण और आधारभूत ढांचे के विकास में किए गए निवेश से अयोध्या की अर्थव्यवस्था को जबरदस्त बढ़ावा मिला है, बड़ी संख्या में लोगों के आगमन और ठहराव से स्थानीय व्यापारियों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के नए अवसर मिले हैं, पहले जहां छोटे व्यवसायी प्रतिदिन 500-600 रुपये की आय करते थे, अब उनकी आमदनी हजारों में पहुंच गई है.

होटल और रेस्टोरेंट उद्योग में उछाल

अयोध्या की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए देश-विदेश के बड़े होटल समूहों ने यहां निवेश किया है, ताज, ओबरॉय, रैडिसन, मैरिएट और डोमिनोज जैसे ब्रांड्स ने अपने प्रतिष्ठान खोलकर अयोध्या को विश्व स्तरीय सुविधाओं से सुसज्जित किया है, ये होटल और रेस्टोरेंट प्रतिदिन लाखों रुपये का कारोबार कर रहे हैं, जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है.

संस्कृति और आध्यात्मिकता का संगम

राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के एक वर्ष पूरे होने पर देशभर में हर्ष का माहौल है। सोशल मीडिया पर #रामलला_प्राणप्रतिष्ठा ट्रेंड कर रहा है, जहां लोग अपनी श्रद्धा व्यक्त कर रहे हैं और पूरे देश को शुभकामनाएं दे रहे हैं, 22 जनवरी को इस शुभ अवसर पर अयोध्या में विशेष आयोजन किए गए हैं, जिससे शहर में उत्सव का माहौल बना हुआ है.

अयोध्या की बदलती तस्वीर

भूमि पूजन से लेकर प्राण प्रतिष्ठा तक के सफर में अयोध्या ने न केवल भव्यता का स्पर्श किया है, बल्कि एक श्रेष्ठ सांस्कृतिक नगरी के रूप में खुद को स्थापित किया है। आने वाले समय में रामनगरी विश्व स्तर पर धार्मिक पर्यटन के प्रमुख केंद्र के रूप में और अधिक विकसित होगी.

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का यह एक वर्ष अयोध्या के लिए बदलाव, समृद्धि और गौरव का प्रतीक बन गया है, श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या, मजबूत होती अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक वैभव ने इसे एक नई ऊंचाई प्रदान की है, अयोध्या अब न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि पर्यटन और व्यापार के लिए भी नए द्वार खोल चुकी है.

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