दमोह: जिला कलेक्टर की सुनवाई में एक हैरान करने वाला सामने आया है. फुटेरा वार्ड निवासी दिव्यांग रिजवान खान को खुद को जिंदा साबित करने के लिए दर-दर ठोकरें खाना पड रही हैं. क्योंकि कागजों में वह मर चुके हैं और उसकी पत्नी बाकायदा विधवा पेंशन ले रही है. रिजवान को समग्र आईडी में मृत घोषित कर दिया गया है और बाकायदा उनका मृत्यु प्रमाण पत्र भी बन गया है.
चूंकि उनकी पत्नी सागर जिले के रहली में रहती है, ऐसे में दमोह कलेक्टर उनकी समस्या का समाधान करने में सक्षम नहीं हैं. उन्होंने सागर जिले के कलेक्टर को चिट्ठी लिखकर दिव्यांग रिजवान की मदद का आग्रह किया है.
दमोह शहर के फुटेरा वार्ड नंबर 4 के निवासी दिव्यांग रिजवान खान को उनकी पत्नी ने उनके जिंदा होने के बावजूद उन्हें मृत घोषित करवा दिया है. अपने आप को जिंदा साबित करने के लिए रिजवान दर-दर भटक रहे हैं. लेकिन उनकी समस्या का निदान नहीं हो पा रहा है. रिजवान मंगलवार को जन सुनवाई में पहुंचे और उन्होंने जिला कलेक्टर को अपनी व्यथा बताई. कहा कि सर मैं जिंदा हूं… लेकिन मेरी पत्नी ने मुझे मृत घोषित करवा दिया है. मेरा मृत्यु प्रमाण पत्र भी बन गया है और 2019 से शासन की कल्याणी योजना के तहत मेरी पत्नी विधवा पेंशन भी ले रही है.
दिव्यांग रिजवान की कलेक्टर से मृत्यु प्रमाण पत्र रद्द करने की अपील
अपने आवेदन में रिजवान ने बताया कि उनकी शादी 2012 में रहली की रिजवाना रंगरेज से मुस्लिम रीति रिवाज से संपन्न हुई थी. दोनों की एक बेटी भी है. लेकिन रिजवान की दिव्यांगता के चलते उसकी पत्नी उसे गुमराह करके घर से गायब हो गई और काफी तलाश करने के बावजूद नहीं मिली. काफी तलाश करने के बाद रिजवान को जो पता चला तो उसके होश उड़ गए. पता चला कि उनकी पत्नी मायके में है और उसने अपना नाम अपने पिता की समग्र आईडी में जुड़वा लिया है.
साथ ही रिजवान का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर विधवा पेंशन लेना शुरू कर दिया है. रिजवान ने कलेक्टर से अपील की है कि जिन सरकारी दस्तावेजों में उसे मृत घोषित कर दिया है, उनको रद्द किया जाए. उसे कुछ ऐसा प्रमाण दिया जाए कि उसे खुद को जिंदा साबित करने के लिए भटकना ना पड़े.
क्या कहना है दमोह जिला कलेक्टर का
दमोह कलेक्टर सुधीर कोचर का कहना है “ये गंभीर प्रकरण है और समग्र आईडी से जुड़ा है. रिजवान नाम के दिव्यांग व्यक्ति ने शिकायत की है कि उनकी अपनी पत्नी से अनबन हो गई तो वह मायके चली गईं. वहां पहुंचकर उन्होंने अपने पिता की समग्र आईडी में अपना नाम जुड़वा लिया और रिजवान को मृत घोषित करवाकर विधवा पेंशन लेना शुरू कर दिया है. हमने जब समग्र आईडी की जांच पड़ताल की तो पता चला कि ये सारा मामला सागर जिले का है. हमने सागर जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर इस मामले के निराकरण करने का आग्रह किया है.”