पाकिस्तान का एक परिवार हिंदुस्तान में अपनी बेटी की शादी के लिए आया तो परिवार की खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा. बॉर्डर पार से अपनी बेटी की शादी रचाने के लिए पाकिस्तान से आए गणपत सिंह सोढ़ा को इस बात की काफी खुशी है कि वह हिंदुस्तान में अपनी बेटी का रिश्ता कर पाए.
राजस्थान तक की रिपोर्ट के अनुसार गणपत सिंह ने बताया कि उनके बड़े भाई लाल सिंह सोढ़ा बिजनेसमैन हैं. साल 2013 में भारत आए थे और उन्हीं के पास अब वह अपनी बच्ची की शादी के लिए जोधपुर आए हैं. बारात जैसलमेर जिले के बराना से जोधपुर आई, जहां के रहने वाले नरपत सिंह भाटी के बेटे महेंद्र सिंह के साथ मीना सोढ़ा परिणय सूत्र में बंध गई.
पाकिस्तान में लड़कियों को नहीं मिलती ज्यादा छूट
मीना से जब पूछा गया कि हिंदुस्तान और पाकिस्तान में क्या फर्क है तो मीना ने खुलकर अपने दिल की बात कह डाली. उसने बताया कि वहां के और यहां के माहौल में काफी फर्क है. यहां लड़कियां कहीं भी घूम सकती हैं. वहां ऐसा नहीं है. वहां लड़कियों को बंद करके रखते हैं. वहां पर ज्यादा बाहर नहीं निकाला करता.
भारत में बेटी की शादी कर खुश हैं पिता
मीना के पिता गणपत सिंह को इस बात की काफी संतुष्टि है कि वह अपनी बेटी की शादी हिंदुस्तान में कर पाए. पाकिस्तान से आया मीना का परिवार जोधपुर में था. कल ही जैसलमेर से महेंद्र सिंह की बारात आई और पूरे रीति रिवाज के साथ दोनों शादी के बंधन में बंध गए.
इस वजह से भारत में करने आते हैं शादी
दुल्हन के पिता गणपत सिंह सोढ़ा ने बताया कि हमें शादियां भारत में ही करनी पड़ती हैं. उसका एक कारण यह भी है कि पाकिस्तान में सारे एक ही गोत्र के राजपूत हैं, तो एक ही गोत्र में बेटियों की शादी नहीं कर सकते हैं. इसी वजह से हम वीजा लेकर भारत आए और अपनी बेटी की शादी की. हमें बच्चों की शादी यही करनी पड़ती है. पहले भी बेटे की शादी यहीं 2022 में हुई थी.
लड़की के पिता हैं पाकिस्तान के जमींदार
गणपत सिंह ने बताया कि पाकिस्तान में हम परिवार जमींदार से आते हैं. हमारे पास काफी एग्रीकल्चरल लैंड है. यानी लड़की के परिवार वाली काफी संपन्न और मजबूत स्थिति में हैं. वहीं दूल्हा महेंद्र सिंह भाटी सरकारी शिक्षक हैं. पाकिस्तान से आई दुल्हन मीना के परिवार के लोग अब इस बात से काफी खुश हैं कि उनकी बेटी की शादी हिंदुस्तान में हुई है तो उनकी बेटी हमेशा खुश और सुरक्षित भी रहेगी.
बंटवारे से पहले सरहद पार रिश्ता आम था
राजस्थान की पूर्व रियासतों की रिश्तेदारी यहां सरहद पार पाकिस्तान में सालों से चली आ रही है. देश के बंटवारे से पहले इन रियासतों में शादी विवाह के संबंध आम थे, लेकिन आजादी के बाद दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच इस तरह के रिश्तों की चर्चा होना लाजमी है. एक पिता जिसके पूर्वज पाकिस्तान में ही रह रहे हैं. वह खुद भी सारी उम्र वहीं रहा, लेकिन अब अगली पीढ़ी को वहां नहीं रखना चाहता.
पाकिस्तान से भारत आकर किया काफी खर्चा
पाकिस्तान से इंडिया आकर बेटी की शादी धूमधाम से करना छोटी बात नहीं है. यानी बेटी के पिता वहां मजबूत स्थिति में है.तभी यहां आकर शादी कर सके. ऐसे भी गणपत सिंह पाकिस्तान के अमरकोट के जमींदार परिवार से आते हैं. साथ ही पाकिस्तान के गणपत सिंह के परिवार व अन्य रिश्तेदारों की शादी राजस्थान के कई घरानों में सैकड़ों सालों से होती रही है.