बांधवगढ़ के घायल योद्धा बाघ की नई जंग: मुकुंदपुर टाइगर सफारी में जारी है जीवन बचाने की कवायद

 

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उमरिया: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, जो अपनी शान और जंगल के राजाओं के लिए प्रसिद्ध है, शुक्रवार को एक ऐसे घायल बाघ की कहानी का गवाह बना, जिसने जंगल के संघर्षों को और भी रोमांचक बना दिया. खितौली कोर परिक्षेत्र में गश्ती दल को एक दो से ढाई साल का बाघ घायल अवस्था में मिला, जंगल के राजसी योद्धा को देख, वन विभाग की टीम ने तुरंत मोर्चा संभाला और कई घंटों की खोजबीन के बाद देर रात उसे रेस्क्यू कर लिया.

माना जा रहा है कि, यह घायल बाघ किसी बड़े बाघ के साथ हुए टेरिटरी फाइट का शिकार हुआ. जंगल का यह “युवा योद्धा” शायद अपनी जगह और अधिकार के लिए लड़ा, लेकिन इस लड़ाई में गंभीर रूप से घायल हो गया.

फिलहाल, इस जख्मी राजा को मुकुंदपुर टाइगर सफारी में शिफ्ट किया गया है, जहां अनुभवी वन्य जीव चिकित्सकों की टीम उसकी हालत पर नजर बनाए हुए है और हर संभव प्रयास कर रही है कि यह शेरदिल योद्धा फिर से अपने पैरों पर खड़ा हो सके.

उपसंचालक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अनुसार, जंगल में टेरिटरी की लड़ाई बेहद सामान्य है, लेकिन जब कोई बाघ घायल हो जाता है, तो उसे जल्द से जल्द इलाज और देखभाल की जरूरत होती है.

यह घटना न केवल जंगल की क्रूर सच्चाई को दिखाती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे मानव प्रयास और वन विभाग की तत्परता इन राजसी जीवों को एक नया जीवन दे सकती है, उम्मीद की जा रही है कि मुकुंदपुर टाइगर सफारी में चल रहे उपचार के बाद यह घायल योद्धा जल्द ही जंगल में अपनी नई कहानी लिखने लौटेगा.

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