सोनभद्र: विद्युत परियोजना ने आज 76वें गणतंत्र दिवस पर एक बार फिर अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया. इस अवसर पर, परियोजना ने घोषणा की कि ओबरा ‘डी’ परियोजना को जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है.
ओबरा ताप विद्युत परियोजना, ओबरा के संकुल में स्थित गांधी मैदान में 76वॉं गणतन्त्र दिवस भारत सरकार एवं प्रदेष सरकार द्वारा निर्गत दिषा-निर्देष का अनुपालन करते हुए, उत्साह एवं हर्षोल्लास के वातावरण में मनाया गया। इस अवसर पर ओबरा ताप विद्युत गृह के मुख्य महाप्रबन्धक इं0 आर.के. अग्रवाल ने उ0प्र0 षासन के निर्देषानुसार प्रातः 08.30 बजे ध्वजारोहण कर एकत्रित जनसमूह को सम्बोधित करते सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने बताया कि इस संविधान में जिस राज्य व्यवस्था को संजोया गया उसमें लोकतंत्र, समता, पंथनिरपेक्षता और विधि के षासन को महत्ता दी गयी तथा समाजवादी व्यवस्था की स्थापना के लिए योजनाबद्व विकास पर बल दिया गया.
यह संविधान आज ही के दिन सन् 1950 को लागू हुआ तथा इसी के साथ हमारा देष लोकतांत्रिक गणराज्य बना।गणतंत्र दिवस के इस अवसर पर, हमें यह समझना चाहिए कि हमारी जिम्मेदारी यह है कि हम अपने ऊर्जा संसाधनों का सही तरीके से उपयोग करें और उन्हें सुरक्षित रखें। हमारा उद्देश्य है कि हम न केवल आज के लिए बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी सस्ती और स्थिर ऊर्जा आपूर्ति को बनाए रखें। आप सभी को पता है कि ऊर्जा का महत्व बहुत अधिक है, और हमारे तापीय परियोजना का योगदान इसी संदर्भ में अत्यधिक महत्वपूर्ण है। हम यहां नवाचार और प्रौद्योगिकी के साथ काम कर रहे हैं ताकि हम न केवल ऊर्जा उत्पादन में माहिर हो, बल्कि आपातकालीन परिस्थितियों को ध्यान में रखकर भी देश को सबसे उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान कर सकें। आजकल के परिवेष में कई समस्याएं विद्यमान हैं जो हम सभी को गहरे विचार करने पर मजबूर कर रही हैं। इसमें प्रदूषण, और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे शामिल हैं। हमारी तापीय परियोजनाओं का संचालन करने के दौरान, हमें इन समस्याओं के समाधान के लिए सकारात्मक कदम उठाने होंगे.
विद्युत ऊर्जा के क्षेत्र में ओबरा तापीय परियोजना एक अग्रणी परियोजना रही है। ओबरा ‘ब’ परियोजना की 200मे0वा0 क्षमता की पॉंचों इकाईयॉ काफी पुरानी हो चुकी है फिर भी इनसे सस्ती एवं अधिक से अधिक विद्युत उत्पादन हेतु अधिकारी एवं कर्मचारी लगातार प्रयासरत् हैं। वर्ष 1977 से परिचालनरत् भारत की प्रथम 200 मे0वा0 होने का गौरव प्राप्त इकाई सं0 11 के साथ-साथ वर्तमान में ओबरा ‘ब’ परियोजना की सभी पॉंचों इकाइयों से निर्बाध विद्युत उत्पादन हो रहा है, इन इकाइयों से वर्ष 2024 में विद्युत उत्पादन वर्ष 2023 की तुलना में कहीं बेहतर रहा है। ओबरा में 2×660 मे0वा0 के ओबरा ‘सी‘ का निर्माण कार्य 22 दिसम्बर 2016 को शुरू हुआ और तब से कोरोना महामारी के दौरान विषम परिस्थितियों में भी चलता रहा है। ओबरा ‘सी‘ की प्रथम इकाई, दिनांक 09.02.2024 से वाणिज्यिक लोड पर परिचालित है तथा ओबरा ‘सी’ की दूसरी इकाई को भी इस माह के अन्त तक समकालित कर लिये जाने का लक्ष्य है। इसके अतिरिक्त 2×800 मे0वा0 की ओबरा ‘डी’ परियोजना की स्थापना के लिए भी शासन स्तर से त्वरित कार्यवाही की जा रही है तथा धरातल पर शीघ्र ही कार्य की प्रगति परिलक्षित होने लगेगी.
समारोह में मुख्य अभियन्तागण इं0 तुलसी दास, इं0 राज कुमार गुप्ता, इं0 वाई0के0 गुप्ता, इं0 दिवाकर स्वरूप, इं0 एस0के0 सिंघल, सी0आई0एस0एफ0 कमाण्डेट एस0के0 सिंह तथा अधीक्षण अभियन्तागण इं0 ए0के0 राय, इं0 मणि षंकर राय, इं0 डी0 के0 सिंह, इं0 नेमीचन्द, इं0 रमाकान्त, इं0 एस0सी0 मिश्र, इं0 संजय पाण्डेय, इं0 सुनील कुमार एवं सी0एम0ओ0 डा0 पी0के0 सिंह, अधिषासी अभियन्ता इं0 सदानन्द यादव, इं0 अमित जायसवाल, इं0 अजय प्रताप सिंह, इं0 दिलीप सिंह तथा अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी यथा अखिलेष, राम गोविन्द, अंकित कुमार, विषाल प्रसाद, अरूण सिंह ने भी इस अवसर पर शिरकत की और परियोजना की सफलता पर बधाई दी. अनिल सिंह ने कार्यक्रम का कुशलतापूर्वक संचालन किया, जबकि अनुराग मिश्र ने अपने हास्यपूर्ण अंदाज से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उत्साहपूर्ण माहौल में, सभी ने परियोजना की सफलता का जश्न मनाया.