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Madhya Pradesh: आंसुओं के सैलाब में डूबा न्याय का संघर्ष: सीधी के किसानों का जल सत्याग्रह

 

Madhya Pradesh: सीधी जिले के गोपाल दास बांध का पानी आज आंसुओं और चीखों से भर गया, जहां न्याय की आस लिए सैकड़ों किसानों और शिवसेना कार्यकर्ताओं ने जल सत्याग्रह किया, 4 फीट गहरे पानी में खड़े होकर भारत माता की जयकारों के साथ उन्होंने अपनी पीड़ा और आक्रोश को बुलंद किया. हर बूढ़े चेहरे पर झुर्रियों के साथ दर्द और आंखों में आंसू थे. यह नजारा किसी के भी दिल को पिघला सकता था, लेकिन प्रशासन की चुप्पी आज भी बनी रही.

रेलवे की क्रूरता और किसानों का दर्द

यह आंदोलन उन किसानों की चीख है, जिनकी जमीन रेलवे विभाग के अधिग्रहण के कारण छिन गई, न केवल उनके खेत उनसे छीने गए, बल्कि उनके सिर की छत भी उजाड़ दी गई, पांच महीने से वे अपनी फरियाद लेकर जिला प्रशासन के दरवाजे खटखटा रहे हैं, लेकिन आज तक किसी अधिकारी ने उनकी बातें सुनने की जहमत नहीं उठाई.

“हम कहां जाएं? हमारे पास रहने को छत तक नहीं है, क्या अब हम अपने बच्चों को लेकर सड़कों पर रहें?”—यह कहते हुए बूढ़ी महिलाओं के आंसू बांध के पानी में मिलते जा रहे थे.

शिवसेना का साथ, पुलिस की बर्बरता

किसानों का यह संघर्ष आज और उग्र हो गया जब शिवसेना ने उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर आंदोलन किया. लेकिन यह समर्थन भी उन्हें पुलिस की बर्बरता से बचा नहीं सका। शिवसेना के प्रदेश उपाध्यक्ष विवेक पांडे को पुलिस ने अमानवीय तरीके से घसीटते हुए थाने ले गई.

शिवसेना कार्यकर्ताओं ने इस अमानवीय कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा, “यह सिर्फ किसानों का मामला नहीं है, यह हर उस इंसान का संघर्ष है, जो अपने अधिकारों के लिए लड़ रहा है.”

गिरफ्तारी और प्रशासन की चुप्पी

डीएसपी गायत्री तिवारी ने जानकारी दी कि कुल आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें शिवसेना के सभी पदाधिकारी शामिल हैं। पुलिस का आरोप है कि इन लोगों ने कानून का उल्लंघन किया, लेकिन आंदोलनकारियों का कहना है कि उनकी आवाज दबाने के लिए यह साजिश है।

न्याय की गूंज या प्रशासन की बहरी दीवारें?

गोपाल दास बांध का यह जल सत्याग्रह सिर्फ पानी में खड़ा प्रदर्शन नहीं था, बल्कि उन सैकड़ों लोगों की पीड़ा का प्रतीक था, जो अपनी जमीन, अपने घर और अपने हक के लिए लड़ रहे हैं. क्या प्रशासन इन किसानों की आवाज सुनेगा, या उनकी चीखें सिर्फ पानी के बुलबुले बनकर रह जाएंगी? यह सवाल आज हर आंख में आंसू और हर दिल में दर्द बनकर गूंज रहा है.

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