बीजापुर: छत्तीसगढ़ में बीजापुर का चिलकापल्ली गांव अब बिजली से लैस हो गया है. यहां पहली बार बिजली पहुंची है. आजादी के सात दशक बाद लोगों ने बिजली सुविधा यहां देखी है. बीजापुर कलेक्टर से लेकर चिलकापल्ली गांव के लोगों ने इसे बड़ी उपलब्धि बताया है. बीजापुर से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर यह गांव बसा है. चिलकापल्ली गांव में बिजली पहुंचाने के बाद अब बीजापुर जिला प्रशासन दावा कर रहा है कि वह जिले के अन्य इलाकों में भी बिजली पहुंचाने का काम जारी रखेंगे.
नियद नेल्लानार योजना के तहत पहुंची बिजली: चिलकापल्ली बीजापुर का छठवा गांव है जहां बिजली की रौशनी आई है. बिजली की यह सुविधा नियद नेल्लानार योजना के तहत पहुंची है. बीजापुर के कलेक्टर संबित मिश्रा ने इसे बड़ी कामयाबी माना है. उन्होंने कहा है कि आने वाले दिनों में वह बीजापुर के कई इलाकों में बिजली पहुंचाने का काम करेंगे. गणतंत्र दिवस से तीन दिन पहले 23 जनवरी को इस गांव में बिजली का आगमन हुआ.
यह बहुत खुशी की बात है कि 23 जनवरी को चिलकापल्ली गांव में बिजली पहुंचाई गई. यह छठा गांव है जहां हमने बिजली पहुंचाई है, और हमें उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में हम जल्द से जल्द और गांवों में बिजली पहुंचाएंगे. चिलकापल्ली गांव का विद्युतीकरण छत्तीसगढ़ सरकार की नियाद नेल्लनार योजना का हिस्सा है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार का उद्देश्य नक्सलगढ़ के दूरदराज इलाकों में बुनियादी सुविधाएं पहुंचाना है- संबित मिश्रा, कलेक्टर, बीजापुर
पहले यहां बिजली नहीं थी. अब बिजली आ गई है, यह खाना पकाने के लिए अच्छी है, बच्चों के लिए रात में पढ़ाई करने के लिए भी अच्छी है- स्थानीय महिला, चिलकापल्ली गांव गांव, बीजापुर
अब जब हमारे पास बिजली है, तो हम टीवी देख सकते हैं, खाना बना सकते हैं और रात में बिना किसी डर के बाहर भी निकल सकते हैं- स्थानीय महिला, चिलकापल्ली गांव
चिलकापल्ली गांव में बिजली लगाने के लिए आना-जाना मुश्किल था और वहां बिजली पहुंचने में 3-4 महीने लग गए. बिना बिजली के आना-जाना मुश्किल था. सरकारी अधिकारियों ने गांव वालों से बात की और फिर यहां बिजली लगाई- फल्दूर, बिजली कर्मचारी, चिलकापल्ली गांव
जब सरकार ने बिजली पहुंचा दी है तो अब हम सांप-बिच्छुओं से खुद को बचा सकते हैं- स्थानीय निवासी, चिलकापल्ली गांव
बीजापुर के अंदरुनी इलाकों में तेजी से विकास हो रहा है. सीएम विष्णुदेव साय ने गणतंत्र दिवस के मौके पर कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद अंतिम सांसे ले रहा है. सीएम साय ने कहा कि माओवाद एक कैंसर की तरह है और हम इसे पूरी तरह से नष्ट करने में सफल होंगे. हम पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संकल्प को पूरा करेंगे. मैं अपने सुरक्षा बल के जवानों के साहस को सलाम करता हूं और उनकी प्रशंसा करता हूं. छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है और हम इसे 31 मार्च 2026 तक खत्म कर देंगे.