चीन ने एआई की दुनिया में नया तहलका मचाया है. चीन ने हाल में अपने DeepSeek AI मॉड्यूल को दुनिया के सामने पेश किया. सोमवार को जब अमेरिका और दुनिया के शेयर मार्केट्स को ये पता चला कि चीन ने इस एआई मॉड्यूल को बेहद कम कीमत पर तैयार किया है, तो अमेरिकी टेक कंपनियों के शेयर ताश के पत्ते की तरह ढह गए और इसी के साथ दुनिया के कई अरबपतियों की नेटवर्थ भी कम हो गई.
चीन के इस झटके का असर काफी गहरा हुआ.दुनिया के 500 अरबपतियों की संपत्ति में कुल 108 बिलियन डॉलर (करीब 9.34 लाख करोड़ रुपए) की गिरावट आई है. सबसे ज्यादा नुकसान में ओरेकल कार्प के को-फाउंडर लैरी एलिसन और एनवीडिया के को-फाउंडर जेनसेन हुआंग रहे.
nVidia के मालिक की संपत्ति घटी 20 अरब डॉलर
चीन के इस कदम से उन अरबपतियों पर सबसे ज्यादा असर हुआ है, जिनका भविष्य एआई मॉडल से जुड़ा हुआ है. एआई के लिए जरूरी चिप बनाने वाली कंपनी एनवीडिया के को-फाउंडर जेनसेन हुआंग के लिए सोमवार का दिन भूकंप के झटके की तरह रहा. इसकी वजह चीन के एआई मॉड्यूल का बेहद सस्ता होना है, जिससे उनकी संपत्ति एक झटके में 20.1 बिलियन डॉलर कम हो गई. उनकी संपत्ति 101 बिलियन डॉलर ही रह गई है.
कुछ ऐसा ही हाल ओरकल कॉर्प के को-फाउंडर लैरी एलिसन का रहा. उन्हें इस मामले में सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा और उनकी संपत्ति एक दिन में 22.6 अरब डॉलर तक घट गई. इस तरह उनकी संपत्ति सिर्फ 186 बिलियन डॉलर रह गई.
एलन मस्क भी भारी घाटे में रहे
ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक चीन के इस कदम का नुकसान डेल इंक के माइकल डेल पर भी दिखा, जिनकी नेटवर्थ 13 अरब डॉलर घट गई. वहीं बाईनांस होल्डिंग्स के को-फाउंडर चानपेंग झाओ के 12.1 अरब डॉलर और एलन मस्क के 6.7 अरब डॉनर साफ हो गए. गूगल के लैरी पेज और सरगेई ब्रिन की संपत्ति में क्रमश: 6.3 अरब डॉलर और 5.9 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई है.
इस तरह चीन के डीपसीक एआई ने दुनिया के 500 अरबपतियों की दौलत में 108 अरब डॉलर का टोटल नुकसान कराया. इसमें सिर्फ टेक सेक्टर के अरबपतियों की करीब 94 अरब डॉलर की संपत्ति साफ हो गई. ये ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स में आई कुल गिरावट का करीब 85 प्रतिशत है. अमेरिका का नैस्डैक कंपोजिट इंडेक्स सोमवार को 3.1 प्रतिशत और एसएंडपी 500 इंडेक्स 1.5 प्रतिशत गिर गया.
डीपसीक कंपनी के मुताबिक इस AI मॉडल को केवल दो महीने में तैयार किया गया है. जबकि OpenAI, Microsoft और Google को अपने AI मॉडल को बनाने में सालों लग गए और इन्होंने अरबों डॉलर खर्च किए हैं. लेकिन DeepSeek ने इस AI मॉडल को तैयार करने में केवल 60 लाख डॉलर (6 मिलियन) ही खर्च किए हैं.