चीन की एक कंपनी में तब हंगामा मच गया जब एक कर्मचारी ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि उन्हें सैलरी के बदले कैश नहीं बल्कि कूपन दिए गए! यह मामला सामने आते ही कंपनी की जमकर आलोचना हुई और सरकार ने जांच शुरू कर दी है.
कौन-कौन से कूपन दिए गए?
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, इस शॉपिंग सेंटर ने अपने कर्मचारियों को अलग-अलग रकम के वाउचर थमा दिए. ये वाउचर $1.4 (करीब 116 रुपये) से लेकर $70 (करीब 5800 रुपये) तक के हैं. लेकिन इनकी कोई भी कैश वैल्यू नहीं है, यानी इन्हें बाजार में पैसे की तरह इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. ये मामला चीन के जिलिन प्रांत के मोतियान वाइटालिटी सिटी शॉपिंग सेंटर का है.
कैसे काम करते हैं ये कूपन?
कर्मचारी ने बताया कि हर कूपन पर एक यूनिक नंबर होता है, ठीक वैसे ही जैसे बैंक नोट्स पर होता है. इन्हें कंपनी की संपत्ति, पार्किंग स्पेस, रेस्टोरेंट और कपड़ों की दुकानों में इस्तेामल किया जा सकता है. लेकिन अगर किसी सामान की कीमत कूपन से कम हुई, तो बचा हुआ पैसा वापस नहीं मिलता.
‘हम बेबस हैं…’ कर्मचारी की पीड़ा
जिस कर्मचारी ने यह मामला सामने लाया, उसने सोशल मीडिया पर लिखा-ये मेरी तीन महीने की कड़ी मेहनत की सैलरी है! हमारे कई साथी होम लोन और कार लोन चुका रहे हैं, बच्चों और बूढ़े माता-पिता की देखभाल कर रहे हैं. इन कूपन के साथ हम पूरी तरह बेबस हैं!
सोशल मीडिया पर भड़के लोग -ये कौन सा नया स्कैम है?.
यह खबर वायरल होते ही लोगों ने कंपनी पर जमकर गुस्सा निकाला. एक यूजर ने लिखा की कब से कंपनियां अपनी खुद की करेंसी छापने लगीं? इन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए!.
अब इस मामले पर सरकारी जांच शुरू हो चुकी है, और जल्द ही कंपनी के खिलाफ कड़े कदम उठाए जा सकते हैं. लेकिन सवाल ये है कि क्या कंपनियां अपने कर्मचारियों को ऐसे ठगने के नए-नए तरीके खोज रही हैं?