सुपौल : करीब 2 वर्ष पूर्व नगर परिषद चुनाव के दौरान एक वार्ड पार्षद प्रत्याशी की गोली मारकर की गई हत्या मामले में मंगलवार को कोर्ट का फैसला आया. सुनवाई उपरांत प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनंत सिंह की कोर्ट ने हत्या में शामिल पांच अभियुक्तों को आजीवन कारावास व अर्थ दंड की सजा सुनाई है.
मामला त्रिवेणीगंज थाना कांड संख्या 580/22 तथा जनित सत्रवाद संख्या 256/23 से संबंधित है. इसमें त्रिवेणीगंज नगर परिषद आम चुनाव के दौरान एक वार्ड पार्षद प्रत्याशी रोहित कुमार मणि को उस समय गोली मारकर घायल कर दिया था जब हुए अपने समर्थकों के साथ चुनाव प्रचार कर रहे थे. बाद में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
मामले को लेकर मृतक की पत्नी पकड़ी वार्ड नंबर 17 निवासी निधि कुमारी ने उक्त मामला दर्ज कराया था. दर्ज प्राथमिकी में पुलिस को दिए बयान में निधि कुमारी ने कहा था कि त्रिवेणीगंज नगर परिषद वार्ड नंबर 18 से उनके पति रोहित कुमार मणि वार्ड पार्षद पद से चुनाव लड़ रहे थे. 17 दिसंबर 2022 को वे अपने पति और अन्य सहयोगियों के साथ वार्ड में प्रचार-प्रसार कर रहे थे.
रात करीब 9:30 बजे आदर्श मोहल्ला त्रिवेणीगंज वार्ड नंबर 18 निवासी चिंटू सिंह उर्फ राजकुमार सिंह, रोशन पोद्दार, दीपक कुमार एवं नरहा वार्ड नंबर 16 निवासी मु. उजेर आलम उर्फ गुड्डू खन्ना व धीरज कुमार उनके पति को घेर लिया. जब तक कुछ समझते इतने में चिंटू सिंह ने अपने कमर से पिस्तौल निकाल कर उनके पति पर गोली चला दी, जो गोली उनके पेट में लगी, इससे वह वहीं पर गिर गए.
गोली की आवाज सुनकर अन्य लोग जुटने लगे. लोगों को जुटता देख सभी अपराधी हथियार लहराते हुए मोटरसाइकिल से भाग गया. घायल प्रत्याशी को इलाज के लिए पटना ले जाया गया. जहां 23 जनवरी 2023 को उनकी मौत हो गई. सुनवाई उपरांत उक्त कोर्ट ने चिंटू सिंह उर्फ राजकुमार सिंह, रोशन पोद्दार, दीपक कुमार, गुड्डू खन्ना तथा धीरज कुमार को दोषी करार करते हुए भादवि की धारा 302/34 के तहत आजीवन कारावास व 10-10 हजार रुपये अर्थ दंड की सजा सुनाई है.
अर्थ दंड की राशि नहीं देने पर सभी को छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतना होगी. जबकि पूर्व में कारा में बिताई गई अवधि दी गई सजा में समायोजित की जाएगी. कोर्ट ने अपने फैसले में चिंटू सिंह उर्फ राजकुमार सिंह को 27 आर्म्स एक्ट के तहत भी दोषी करार किया है. इस मामले में उन्हें 4 वर्ष कारावास वह पांच हजार रुपये अर्थ दंड की सजा सुनाई है.
अर्थ दंड का भुगतान नहीं करने पर 3 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. वहीं सुनाई गई सभी सजा साथ-साथ चलेगी. इस पूरे मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक अमर कुमार दास तथा बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता सुधीर कुमार झा तथा एकरामुल हक ने बहस में हिस्सा लिया.